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NEET मुद्दे पर लोकसभा में सरकार Vs विपक्ष, राहुल गांधी को धर्मेंद्र प्रधान ने दिया जवाब

Parliament Budget Session 2024: सुप्रीम कोर्ट NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ताओं-छात्रों के वकील की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था

अपडेटेड Jul 22, 2024 पर 12:38 PM
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Parliament Budget Session 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है

Parliament Budget Session 2024: संसद का बजट सत्र आज यानी सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो चुका है। NEET पेपर लीक मामले से लेकर रेलवे सुरक्षा तक के मुद्दों के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ। इस सत्र में 12 अगस्त तक 19 बैठकें होंगी। इस दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक का मुद्दा जोरशोर से उठा रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि भारतीय परीक्षा सिस्टम एक धोखाधड़ी है। लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा सिस्टम को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है।

वहीं, विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा में NEET परीक्षा का मुद्दा उठाए जाने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा, "...पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। यह (NEET) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है...मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।"

राहुल गांधी ने कहा, "चूंकि यह (NEET) एक व्यवस्थित मुद्दा है, तो आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए क्या कर रहे हैं? इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "...विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है...मैं इसकी कठोर शब्दों में निंदा करता हूं..." राहुल गांधी के अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी नीट पेपर लीक के मुद्दों को लोकसभा में उठाया।


अखिलेश ने भी उठाया मुद्दा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीट में कथित अनियमितता को लेकर सोमवार को लोकसभा में दावा किया कि धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्री रहते बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा। इस पर प्रधान ने पलटवार किया और कहा कि वह इस सदन में उन पेपर लीक मामलों की पूरी सूची रख सकते हैं जो अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए थे।

यादव ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साधते हुए कहा, "ये मंत्री जी रहेंगे तो बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा।" इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले तीन दिन में छात्रों की सूची सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध कराई गई है।

उन्होंने कहा, "केरल के छात्रों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, तो क्या हम कहेंगे कि वहां कुछ गड़बड़ी हुई। इस बार एससी, एसटी और ग्रामीण इलाकों के और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, क्या हम उनकी मेधा को चुनौती देंगे?" प्रधान ने कहा, "अखिलेश जी जब उत्तर प्रदेश में (मुख्यमंत्री) थे उस समय की पूरी सूची है कि कितनी बार पेपर लीक हुए थे।"

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

सुप्रीम कोर्ट ने विवादों में घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की। नीट-यूजी अभ्यर्थियों की ओर से पेश एक वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने क्वेश्चन पेपर लीक होने और लीक हुए क्वेश्चन पेपर को व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए जाने की बात स्वीकार की है। सुनवाई शुरू होने पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबीपारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पक्षकारों के वकीलों से पूछा कि परीक्षा के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने से क्या सामने आया है।

नीट रिजल्ट के आंकड़ों का विश्लेषण करने से शनिवार को यह पता चला था कि क्वेश्चन पेपर लीक होने और अन्य अनियमितताओं से कथित रूप से लाभान्वित हुए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कुछ केंद्रों पर कई छात्रों ने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है। नीट-यूजी के परिणाम 5 जून को घोषित किए गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें इस फॉर्मेट में प्रकाशित किया गया है।

नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में आए केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था। इन केंद्रों में झारखंड के हजारीबाग का ओएसिस स्कूल, हरियाणा के झज्जर का हरदयाल पब्लिक स्कूल और गुजरात के गोधरा का जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल शामिल है।

रिजल्ट जारी

सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को एनटीए को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस बात का पता लगाना चाहता है कि कथित रूप से दागी केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों के अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक मिले हैं या नहीं।

पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें NTA द्वारा दायर याचिका भी शामिल है। एनटीएस ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है।

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5 मई को हुआ था एग्जाम

5 मई को 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। केंद्र और NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामों में कहा था कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में परीक्षा को रद्द करना प्रतिकूल होगा और यह लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों को गंभीर रूप से खतरे में डालेगा। देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित सब्जेक्ट में एडमिशन के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jul 22, 2024 12:34 PM

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