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बजट में OMC को 15,000 करोड़ रुपये का कैपिटल सपोर्ट, बीपीसीएल, गेल, आईओसी से शेयर 2% तक चढ़े

Budget 2024: वित्त वर्ष 2025 के लिए OMCs को 15,000 करोड़ रुपये के कैपिटल सपोर्ट की घोषणा के बाद 1 फरवरी को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, बीपीसीएल, गेल, ऑयल इंडिया और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में 2 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। हालांकि बाजार के निवेशकों और ट्रेडर्स को व्यापक रूप से इसकी उम्मीद थी

अपडेटेड Feb 01, 2024 पर 4:23 PM
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वित्त मंत्री ने पिछले बजट में OMCs में 30,000 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश की घोषणा की थी। लेकिन आवंटन वित्त वर्ष 24 में नहीं किया गया था

Budget 2024: सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2025 के लिए 15,000 करोड़ रुपये के कैपिटल सपोर्ट की घोषणा के बाद 1 फरवरी को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation (IOC), बीपीसीएल (BPCL), गेल (GAIL), ऑयल इंडिया (Oil India) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों में 2 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। हालांकि बाजार के निवेशको और ट्रेडर्स को व्यापक रूप से इसकी उम्मीद थी। पिछले बजट में, वित्त मंत्री ने OMCs में 30,000 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश की घोषणा की थी। लेकिन आवंटन वित्त वर्ष 24 में नहीं किया गया था। जबकि IOC और BPCL में इक्विटी निवेश की योजना राइट्स इश्यू के माध्यम से बनाई गई थी। वहीं HPCL में पूंजी निवेश इसकी मूल कंपनी ONGC के जरिये किया जाना था।

बाजार ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सरकार वित्त वर्ष 2025 में OMCs के लिए अपने पूंजी निवेश अनुमान को कम कर देगी। इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में मजबूत मुनाफा दर्ज किया था। इसके अलावा, स्थिर कच्चे तेल की कीमतों ने भी इन कंपनियों को पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में हुए घाटे की भरपाई करने में मदद की।

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तेल इंडस्ट्री उत्सुकता से सुधारों का इंतजार कर रही थी। विशेष रूप से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) को बढ़ावा देने और प्राकृतिक गैस की खपत को बढ़ाने के लिए सुधारों का इंतजार कर रही थी। वे CNG और CNG वाहनों पर उत्पाद शुल्क में कमी और LNG पर सीमा शुल्क हटाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन इस बारे में से कोई की भी घोषणा नहीं की गई।

बजट-पूर्व सर्वेक्षणों में, बिजली और ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री ने सरकार को ग्रीन हाइड्रोजन पर फोकस करने की आवश्यकता व्यक्त की थी। पिछले कुछ वर्षों में इंडस्ट्री ने सौर और पवन ऊर्जा का समर्थन किया है। इससे उनकी स्थापित और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है।

उद्योग जगत को यह भी उम्मीद थी कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ समन्वय करेगी और वैट में कटौती जैसी नीतिगत पहल करेगी।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

 

 

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