Union Budget 2023-24: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए यूनियन बजट में निर्मला सीतारमण कर सकती हैं बड़े ऐलान

फाइनेंस मिनिस्टर 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाने वाला उपायों का ऐलान कर सकती हैं। उम्मीद है कि वह EV के पूरे इकोसिस्टम के लिए बड़ा ऐलान करेंगी। इसमें ईवी की कीमतों को एफोर्डेबल बनाने, चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और ईवी खरीदने वाले लोगों को इंसेंटिव शामिल होंगे

अपडेटेड Dec 14, 2022 पर 6:39 PM
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फाइनेंस मिनिस्टर ने पिछले बजट में कहा था कि ईवी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैटरी स्वैप पॉलिसी लाएगी। सरकार ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट इस साल अप्रैल में पेश किया था।

Union Budget 2023-24: इस बार यूनियन बजट (Budget 2023) में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है। पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। अगर अभी इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कदम नहीं उठाया जाता है तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाना एकमात्र रास्ता है। इसलिए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाने वाला उपायों का ऐलान कर सकती हैं। वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2023 को बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि वह EV के पूरे इकोसिस्टम के लिए बड़ा ऐलान करेंगी। इसमें ईवी की कीमतों को एफोर्डेबल बनाने, चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और ईवी खरीदने वाले लोगों को इंसेंटिव शामिल होंगे। फाइनेंस मिनिस्टर ने पिछले बजट में कहा था कि ईवी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैटरी स्वैप पॉलिसी लाएगी। सरकार ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट इस साल अप्रैल में पेश किया था। इस पर लोगों की राय मांगी गई थी।

EV का इस्तेमाल बढ़ाना क्यों जरूरी है?

सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाना क्यों जरूरी है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में पेट्रोल और डीजल की खपत तेजी से बढ़ी है। सरकार ने 2014 में डीजल सब्सिडी को लेकर रिफॉर्म का ऐलान किया था। इससे 2018 में ऑयल एंड गैस सब्सिडी पांच गुनी कम हो गई थी। लेकिन, 2021 में यह डेढ़ गुनी बढ़ गई है। इसके मुकाबले 2014 से 2021 के दौरान रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सब्सिडी सिर्फ 1.7 फीसदी बढ़ी है। 2021 में रिन्यूएबल एनर्जी पर सब्सिडी Fossil Fuels का सिर्फ एक-तिहाई था। हालांकि, अब भी इंडिया में Fossil Fuels पर सब्सिडी चीन के मुकाबले कम है। लेकिन, अमेरिका के मुकाबले ज्यादा है।


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अभी क्या है स्थिति?

सरकार Fossil Fuels के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए सरकारी ऑयल कंपनियों (ONGC, GAIL, HPCL, BPCL, IOC, NTPC) को रिन्यूएबल एनर्जी के लिए निवेश बढ़ाने को कह सकती है। अभी इन कंपनियों के निवेश का बड़ा हिस्सा Fossil Fuels पर खर्च होता है। रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के मुकाबले Fossil Fuels प्रोजेक्ट पर उनका निवेश करीब 11 गुना है। 2020 में पब्लिक फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (PFI) का Fossil Fuel आधारित प्रोजेक्ट्स में निवेश रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स के मुकाबले करीब छह गुना ज्यादा था। सालाना आधार पर निवेश में यह फर्क करीब 5.53 लाख करोड़ रुपये है।

सरकारी कंपनियों को प्रोत्साहन की जरूरत क्यों है?

Reliance Industries और Adani Green ने ग्रीन एनर्जी में काफी इनवेस्टमेंट करने का ऐलान किया है। लेकिन, सरकारी कंपनियां इस मामले में काफी पीछे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले बजट में ऐसे उपायों का ऐलान कर सकती हैं, जिनसे सरकारी ऑयल कंपनियां रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। इसमें रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए लिए गए लोन पर इंटरेस्ट रेट हॉलीडे शामिल हो सकता है। उन्हें रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लोन के इंटरेस्ट रेट में रियायत भी दी जा सकती है। वित्त मंत्री को इस मसले की गंभीरता को समझते हुए बजट में पर्याप्त आवंटन करना चाहिए।

निर्मला सीतारमण क्या ऐलान कर सकती हैं?

Fossil Fuels का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम करने की कोशिश करनी पड़ेगी। अचानक कमी करने से इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए, वित्तमंत्री को अगले बजट में ईवी और रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस बढ़ाना होगा। इससे इन क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ेंगे। खासकर चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क बनाने से बड़ी संख्या में रोजगार के मौके पैदा हो सकते हैं। लेकिन, वित्त मंत्री को यह ध्यान रखना होगा कि ये चार्जिंग स्टेशन रिन्यूएबल एनर्जी पर निर्भर होने चाहिए। इसका मतलब यह है कि इन्हें रिन्यूएबल एनर्जी से बनने वाली बिजली का ही इस्तेमाल करना चाहिए। तभी इस कोशिश का पूरा फायदा मिलेगा।

EV को मिल सकता है बजट में तोहफा

सरकार को इस बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए इनसेंटिव का भी ऐलान करना चाहिए। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लोगों को रियायती दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अभी, ईवी के लोन पर सिर्फ इंटरेस्ट अमाउंट पर इनकम टैक्स में डिडक्शन का फायदा मिलता है। सरकार को लोन के अमाउंट पर भी टैक्स छूट का ऐलान करना चाहिए। इससे देश में EV का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे पर्यावरण की सेहत अच्छ रहेगी।

(अविक सिन्हा आईआईएम-इंदौर के फेलो हैं। वह गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैजमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्हें एनर्जी, एनवायरमेंट जैसे विषयों का व्यापक अनुभब है।)

Avik Sinha

Avik Sinha

First Published: Dec 13, 2022 3:15 PM

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