Budget 2023: 1 फरवरी 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। बजट से पहले देश में अलग-अलग इंडस्ट्री और सेक्टर से जुड़े लोग अपनी डिमांड वित्तमंत्री के आगे रख रहे हैं। देश के असंगठित सेक्टर से जुड़े ट्रेडर्स ने भी अपने सुझाव बजट के लिए दिये हैं। वह सरकार से ट्रेडर्स के लिए समर्थन नीतियां बनाने, रिटेल नीति बनाने और व्यापार को बेहतर करने के लिए योजनाएं बनाने की मांग कर रहे हैं।
देश को छोटे व्यापारियों के लिए आए रिटेल नीति
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह केवल कैट की पहल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का ही नतीजा है कि साल 2015 के बाद वाणिज्य मंत्रालय में उद्योग विभाग को आंतरिक व्यापार के साथ जोड़ा गया था और कॉमर्स मिनिस्ट्री राष्ट्रीय रिटेल नीति का मसौदा तैयार कर रही है। ये रिटेल नीति अब तत्काल लागू करन की जरूरत है। साथ ही ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की भी जरूरत है।
बजट में व्यापारियों के लिए समर्थन वित्तीय नीतियों को लाने की मांग ट्रेडर्स कर रहे हैं। छोटे व्यापारियों को आसानी से लोन नहीं मिलता। कई बार बैंक डॉक्यूमेंट्स नहीं होने के कारण बैंक उन्हें लोन नहीं देते। पिछले कई दशकों के दौरान भारत का व्यापारिक समुदाय वित्त की भारी कमी से जूझ रहा है और दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक भी देश के व्यापारियों को आसान वित्तीय सहायता नहीं दे पाया है। देश की अर्थव्यवस्था में शानदार योगदान दे रहे है और देश में कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाले कारोबार के बाद भी सरकार का कोई ध्यान रिटेल क्षेत्र पर नहीं है ।
देश में केवल 5 से 6% छोटे व्यवसाय ही बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को जैसे तैसे पूरा कर रहे हैं, जबकि 90% से अधिक छोटे व्यवसाय निजी धन के साथ साथ उधारदाताओं, रिश्तेदार और दोस्त और कई अन्य अनौपचारिक स्रोत पर निर्भर है। वित्त मंत्री को अपने बजट में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर विशेष जोर देने आवश्यकता है जो छोटे व्यवसायियों को लोने देते हैं। छोटे कारोबारियों के लिए लोन की ब्याज दरें कम करने की जरूरत है।