PhonePe: फिनटेक सेक्टर की दिगग्ज कंपनी फोनपे को केंद्रीय बैक RBI से एक ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेरेटर के तौर पर काम करने के लिए निर्णायक मंजूरी यानी फाइनल ऑथराइजेशन मिल गया है। इससे कंपनी छोटे और मंझले आकार की कंपनियों यानी SME पर फोकस करते हुए अपने मर्चेंट नेटवर्क का विस्तार कर सकेगी। फोनपे के चीफ बिजनेस ऑफिसर (मर्चेंट बिजनेस) युवराज सिंह शेखावत का कहना है कि इस मंजूरी के साथ फोनपे उन्हें भी आसानी से पेमेंट सर्विसेज मुहैया कराने की स्तिति में आ गई, जिन्हें पहले ये सर्विसेज नहीं मिल रही थीं। इस मंजूरी से फोनपे को अपने पेमेंट गेटवे ऑफरिंग को बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे तत्काल मर्चेंट ऑनबोर्डिंग, डेवलपर-फ्रेंडली इंटीग्रेशंस, और आसान चेकआउट संभव होगा।
कहां तक पहुंचा है IPO का काम?
फोनपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम की मंजूरी ऐसे समय में मिली है, जब यह आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉलमार्ट के निवेश वाली वाली फोनपे इस महीने सितंबर के आखिरी तक कॉन्फिडेंशियल तरीके से आईपीओ के लिए फाइलिंग कर सकती है। माना जा रहा है कि कंपनी अपने प्रस्तावित आईपीओ में करीब 10% हिस्सेदारी की बिक्री कर सकती है। यह आईपीओ करीब ₹10,000 से ₹13,000 करोड़ (लगभग $120-150 करोड़) हो सकता है, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन $1000–1200 करोड़ तक पहुंच सकता है। कंपनी का लक्ष्य अगले वर्ष 2026 की शुरुआत तक शेयर बाजार में लिस्टिंग कराना है।
10वें साल में लिस्टिंग की तैयारी
फोनपे ने अपना कारोबार वर्ष 2016 में शुरू किया था और अब इसका लक्ष्य अपने दसवें वर्ष यानी कि वर्ष 2026 में स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की है। यह देश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में शुमार है। इसके 65 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। इसके पास 4.5 करोड़ दुकानदारों का नेटवर्क है और हर दिन इसके प्लेटफॉर्म पर 36 करोड़ से अधिक लेन-देन हो रहे हैं। इसके पोर्टफोलियो में पेमेंट, लेंडिंग, इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन, वेल्थ प्रोडक्ट्स, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स और इंडस ऐपस्टोर हैं।
दिसंबर 2022 में भारत में शिफ्ट किया था हेडक्वार्टर
फोनपे भारत में लिस्ट होने की तैयारी में है और इसके तहत पहला काम दिसंबर 2022 में इसने अपना हेडक्वार्टर सिंगापुर से भारत शिफ्ट करने का किया था। कंपनी के वैल्यूएशन की बात करें तो आखिरी फंडिंग राउंड के बाद कंपनी की वैल्यूएशन लगभग $1200 करोड़ पर पहुंच गई थी। जुलाई के आंकड़ों के मुताबिक वॉल्यूम के हिसाब से फोनपे का मार्केट शेयर 45.88% है जबकि दूसरे स्थान पर गूगल पे का मार्केट शेयर 35.56% रहा। तीसरे स्थान पर मौजूद पेटीएम की हिस्सेदारी 7.02% रही।