न्यूजीलैंड के साथ ट्रेड डील के लिए अगले दौर की बातचीत दिल्ली में 13-14 अक्टूबर को होगी। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने इस बारे में 19 सितंबर को बताया। इससे पहले न्यूजीलैंड के साथ तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। अंतिम दौर की बातचीत न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में 15 से 19 सितंबर के बीच हुई। बताया जाता है कि इस दौर में दोनों पक्षों के बीच कई मसलों पर सहमति बनी।
तीसरे दौर की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच कई मसलों पर सहमति
कॉमर्स मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया है, "तीसरे दौर की बातचीत में आर्थिक सहयोग और मिलकर काम करने को लेकर दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा पारस्परिक लाभ के लिए एक संतुलित एग्रीमेंट को जल्द करने पर भी सहमति बनी।" न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट होने पर दोनों के देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इनवेस्टमेंट बढ़ेगा और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही दोनों देशों में बिजनेस के लिए बेहतर फ्रेमवर्क बनाने का रास्त बनेगा।
न्यूजीलैंड के साथ इस साल मार्च में शुरू हुई थी ट्रेड डील की बातचीत
भारत ने न्यूजीलैंड के साथ ट्रेड डील के लिए 16 मार्च, 2025 को बातचीत शुरू की थी। तब कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट मिनिस्टर टॉड मैकक्ले के बीच बातचीत हुई थी। इससे पहले दोनों देशों ने अप्रैल 2010 में कम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट (CECA) के बातचीत शुरू की थी। इसका मकसद पारस्परिक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना था। लेकिन, 9 दौर के बाद 2015 में बातचीत बंद हो गई।
FY25 में भारत का न्यूजीलैंड के साथ 1.3 अरब डॉलर का व्यापार
भारत का न्यूजीलैंड के साथ द्विपक्षीय मर्चेंडाइज ट्रेड FY25 में 1.3 अरब डॉलर का था। एक साल पहले के मुकाबले करीब 49 फीसदी ज्यादा है। भारत न्यूजीलैंड को मुख्य रूप से दवाइयों, मशीनरी, सोना-चांदी, टेक्सटाइल्स, गाड़ियों और अपैरल का एक्सपोर्ट करता है। भारत न्यूजीलैंड से वूल, आयरन, स्टील, एल्युमीनियम, फल और आदि का इंपोर्ट करता है।
भारत ने कई देशों के साथ जल्द ट्रेड डील पर बढ़ाया फोकस
भारत ने कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए कोशिशें तेज कर दी है। इसकी बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी है। ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। इसका असर इंडिया के एक्सपोर्ट पर पड़ता दिख रहा है। ऐसे में भारत एक्सपोर्ट के लिए दूसरे बाजारों पर फोकस बढ़ाना चाहता है। हाल में इंग्लैंड के साथ भारत ने ट्रेड डील की है। यूरोपीय यूनियन के साथ ट्रेड डील के लिए बातचीत चल रही है। इस साल के अंत तक इस डील के हो जाने की उम्मीद है।