Budget 2023: सरकार ने 2022 में टैक्सपेयर्स को अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) फाइल करने का मौका देने का फैसला किया था। इसमें कहा गया था कि संबंधित एसेसमेंट ईयर खत्म होने के दो साल के अंदर अतिरिक्त टैक्स चुकाकर अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। इसके लिए फाइनेंस एक्ट 2022 में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 में एक सबसेक्शन शामिल किया गया था। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का बजट पेश करने के दौरान किया था।
सरकार ने अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का प्रावधान क्यों दिया?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इससे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न में किसी तरह की गलती या कैलकुलेशन में गड़बडी ठीक करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा था कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह पाया है कि टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न में कुछ इनकम के बारे में बताना भूल जाते हैं। इसके बाद लंबी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस प्रस्ताव से इनकम टैक्स नियमों में टैक्सपेयर्स का भरोसा बढ़ेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि यह टैक्सपेयर्स के खुद नियमों का ठीक तरह से पालन करने की दिशा में एक पॉजिटिव कदम है। इनकम टैक्स इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह सेक्शन टैक्सपेयर को अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का मौका देता है चाहे उसने पहले ऑरिजिनल रिटर्न, बेलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल किया हो या नहीं।
इन स्थितियों में नहीं होगी इजाजत?
ध्यान यह रखना है कि अपडेटेड रिटर्न संबंधित एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के दो साल के अंदर करना होगा। हालांकि, कुछ ऐसी स्थितियां है जिसमें अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की इजाजत नहीं होगी। उदाहरण के लिए अगर अपडेटेड रिटर्न लॉस का रिटर्न है तो अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकेगा। अगर अपेडेटेड रिटर्न फाइल करने से टैक्स लायबिलिटी ऑरिजिनल रिटर्न के मुकाबले घट जाती है तो भी अपडेटेड रिटर्न की इजाजत नहीं होगी। अगर अपडेटेड रिटर्न फाइल करने से रिफंड अमाउंट बढ़ जाता है तो भी इसकी इजाजत नहीं होगी।