Budget 2023: उज्ज्वला स्कीम के लिए सब्सिडी एक साल बढ़ा सकती हैं निर्मला सीतारमण

Union budget 2023: सरकार ज्यादा महंगाई को देखते हुए उज्ज्वला स्कीम के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी और एक साल के लिए बढ़ा सकती है। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को पेश होने वाले बजट में कर सकती हैं

अपडेटेड Dec 27, 2022 पर 10:08 AM
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वित्त वर्ष 2022-23 में उज्ज्वला योजना की सब्सिडी पर सरकार का खर्च 6,100 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

Union Budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) उज्ज्वला स्कीम (Ujjwala Scheme) के लिए सब्सिडी की सुविधा एक साल बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं। पिछले साल मई में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने इस योजना के तहत प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। इस योजना के लाभार्थी को यह सब्सिडी एक साल में 12 सिलेंडर पर मिलती है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इस सब्सिडी पर सरकार का खर्च 6,100 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। अब भी महंगाई ज्यादा बनी हुई है। माना जा रहा है कि योजना के लाभार्थियों को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी और एक साल के लिए बढ़ा सकती है। फाइनेंस मिनिस्टर 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट (Budget 2023) पेश करेंगी।

PMUY के 9 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PMUY) के 9 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं। इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को सरकार नए एलपीजी कनेक्शन के लिए 1,600 रुपये की वित्तीय सहायता देती है। सरकार गैस स्टोव मुफ्त उपलब्ध कराती है। पहली बार गैस भी मुफ्त दी जाती है। सरकार का मकसद गरीब परिवारों की महिलाओं के बीच एलपीजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इससे उन्हें खाना पकाने के लिए लकड़ी या दूसरी चीजों का इस्तेमाल ईंधन के रूप में करने की जरूरत नहीं रह जाती है।


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सरकार इस योजना का दायरा बढ़ाना चाहती है

बताया जाता है कि सरकार इस योजना की सफलता से संतुष्ट है। वह खासकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस योजना को मजबूती से लागू करना चाहती है। सरकार का मकसद देश के ज्यादातर हिस्सों को इस योजना के दायरे में लाना है। उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में इस योजना के दायरे में सिर्फ 54 फीसदी बीपीएल परिवार आए हैं। त्रिपुरा में यह 79 फीसदी है। सरकार का मानना है कि इस योजना का दायरा बढ़ने से गरीब परिवार की महिलाओं को फायदा होगा, साथ ही खाना पकाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल पर्यावरण के लिहाज से भी ठीक है।

राज्य सरकारें भी एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी दे रही हैं

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि यह योजना राजनीति के लिहाज से भी सरकार के लिए फायदेमंद रही है। 2019 के लोकसभा चुनावों में केंद्र की भाजपा सरकार को इसका फायदा मिला था। इस योजना की सफलता को देख राज्य सरकारों ने भी अपने यहां महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर के इस्तेमाल पर सब्सिडी देना शुरू किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उज्वला स्कीम के तहत रजिस्टर्ड आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राज्य सरकार की तरफ से सिर्फ 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार एक साल में 12 सिलेंडर पर सब्सिडी की यह सुविधा देगी। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

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