Union Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman के Interim Budget से एडटेक इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री का मानना है कि सरकार की पॉलिसी डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने वाली होनी चाहिए। कोरोना की महामारी के बाद ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा मिला है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि इस क्षेत्र में ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव की जरूरत है। एडटेक और स्टार्टअप्स पर इकोनॉमीक स्लोडाउन का असर पड़ा है। इस सेक्टर को पूंजी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि अंतरिम बजट में वित्तमंत्री टैक्स इनसेंटिव और बेनेफिट का ऐलान करेंगी। वित्तमंत्री 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। एडटेक इंडस्ट्री का मानना है कि सरकार को डिजिटल एजुकेशनल कंटेंट और सर्विसेज पर जीएसटी के रेट में कमी करनी चाहिए। इससे इनकी कीमतों में कमी आएगी।
बजट 2024 : एजुकेशनल प्रोडक्ट्स पर जीएसटी घटाया जाए
फिजिक्सवाला के को-फाउंडर और इंडियन एडटेक कंसोर्शियम (IEC) के को-चेयर प्रतीक माहेश्वरी ने कहा कि हम सरकार से एजुकेशन सेक्टर का बजट बढ़ाने की अपील करते हैं। हम चाहते हैं कि एजुकेशनल प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी जाए। हमारी कोशिश देश के बच्चों के लिए मजबूत बुनियाद तैयार करना है। खासकर आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को इस मामले में मदद की जरूरत है।
बजट 2024 : एजुकेशनल लोन पर टैक्स छूट बढ़ाई जाए
एडटेक सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार विदेश में पढ़ाई के लिए लोन पर टैक्स छूट बढ़ानी चाहिए। अभी कई स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं। लेकिन, लोन के ज्यादा बोझ की वजह से अपना प्रोग्राम रद्द कर देते हैं। upGrad's के को-फाउंडर मयंक कुमार ने कहा, "विदेश में पढ़ाई के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है, लेकिन प्रिंसिपल अमाउंट के रिपेमेंट पर किसी तरह की टैक्स राहत उपलब्ध नहीं है। सेक्शन 80ई के बेनेफिट के दायरे में प्रिंसिपल अमाउंट को लाने से एजुकेशन लोन का अट्रैक्शन बढ़ेगा। "
बजट 2024 : ईसॉप्स के टैक्स के नियमों को आसान बनाया जाए
कुमार ने स्टार्टअप्स के लिए ईसॉप्स के नियमों को आसान बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पिछले कुछ सालों में इकोनॉमिक बूम में बड़ा योगदान दिया है। इसके बावजूद ईसॉप्स को पब्लिक मार्केट इनवेस्टमेंट्स का हिस्सा नहीं माना जाता है। टैक्स के आसान नियम बनाकर ईसॉप्स को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसे शेयरों की तरह वेल्थ क्रिएशन के मौके के रूप में पेश करना होगा। इससे स्टार्टअप्स को टैलेंट अट्रैक्ट करने और उन्हें साथ बनाए रखने में मदद मिलेगी।