Budget 2024 : सरकार इकोनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए टूरिज्म पर फोकस बढ़ाना चाहती है। इसके लिए पर्यटक स्थलों पर सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इससे देशी और विदेशी पर्यटकों का आकर्षित करने में मदद मिलेगी। टूरिज्म का करीबी संबंध हॉस्पिटलिटी सेक्टर से है। हॉस्पिटलिटी सेक्टर का मानना है कि सरकार की मदद मिलने से इस सेक्टर की ग्रोथ तेजी होगी, जिसका फायदा टूरिज्म सेक्टर को भी मिलेगा। हास्पिटलिटी सेक्टर को उम्मीद है कि वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट में उसकी उम्मीदें पूरी करेंगी। हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा। इसमें बड़े ऐलान होने की उम्मीद कम है। फिर भी चुनावी साल होने की वजह से सरकार हर सेक्टर को थोड़ी राहत दे सकती है।
बजट 2024 में हॉस्पिटलिटी सेक्टर को मिल सकता है इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा
रेडिसन होटल ग्रुप (साउथ एशिया) के चेयरमैन एमरिटस और प्रिंसिपल एडवाइजर केबी कचरू ने कहा कि टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी सेक्टर लगातार जीडीपी में बड़ा योगदान करता आ रहा है। इस सेक्टर में इनवेस्टमेंट बढ़ाने के साथ ही इंडियन होटलों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत है। होटल सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही इस सेक्टर के लिए जीएसटी के रेट्स में भी बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी होटल प्रोजेक्ट्स के लिए कई तरह के एप्रूवल्स और लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। इसे आसान बनाने की जरूरत है।
वीजा के प्रोसेस को आसान बनाने से होगा फायदा
विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने से बड़ा फायदा हो सकता है। इसके लिए वीजा के प्रोसेस को आसान बनाना होगा। वीजा-फ्री अराइवल की भी इजाजत दी जा सकती है। सरकार इको-फ्रेंडली एकोमोडेशन और टूरिस्ट साइट्स को बेहतर बनाने के लिए फंड का आवंटन बढ़ाना होगा। यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को ध्यान में रख सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर बनाने के लिए निवेश बढ़ाना होगा। टूरिज्म सेक्टर में आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने होंगे।
रेस्टॉरेंट सेक्टर को जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद
NRAI मुंबई के वाइस-प्रेसिडेंट और नक्श रेस्टॉरेंट के को-फाउंडर और डायरेक्टर प्रणव रूंगटा ने कहा कि अंतरिम बजट में सरकार हॉस्पिटलिटी सेक्टर को बढ़ावा देने के उपाय कर सकती है। जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के साथ कमर्शियल रेंटल से जुड़े जीएसटी के मसलों का समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेस्टॉरेंट इंडस्ट्री में 72 लाख लोगों को सीधे तौर पर नौकरियां मिली हुई हैं। इसका सालाना टर्नओवर करीब 4.32 लाख करोड़ रुपये है।