वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम यूनियन बजट (Union Budget) 1 फरवरी, 2024 को पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। अगले साल लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी। जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं उसके पहले सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। यह वोट ऑन अकाउंट यानी लेखानुदान होता है। इसके जरिए सरकार अगले वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों के अपने खर्च के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है। इसलिए आम तौर पर अंतरिम बजट में बड़े ऐलान खासकर इनकम टैक्स से जुड़े ऐलान सरकार नहीं करती है। लेकिन, 2019 में पेश अंतरिम बजट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इनकम टैक्स के मामले में टैक्सपेयर्स को राहत देने का ऐलान किया था। उम्मीद है कि इस बार भी अंतरिम बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण टैक्सपेयर्स को राहत देने के उपाय कर सकती हैं।
बजट 2023 में न्यू टैक्स रीजीम में हुए थे बदलाव
एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के उपायों का ऐलान कर सकती हैं। सरकार का फोकस इनकम टैक्स की नई रीजीम पर है। सरकार चाहती है कि ज्यादा टैक्सपेयर्स न्यू रीजीम का इस्तेमाल करें। इसीलिए निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में इनकम टैक्स की नई रीजीम में कई बदलाव किए थे। उन्होंने ऐलान किया था कि न्यू टैक्स रीजीम में 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। एक्सपर्ट का कहना है कि जिन लोगों की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है, उनके लिए न्यू टैक्स रीजीम फायदेमंद है।
न्यू टैक्स रीजीम की खास बातें
वित्तमंत्री ने बजट 2023 में न्यू टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा देने का भी ऐलान किया था। इससे पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में मिलता था। इससे यह टैक्सपेयर्स के लिए ज्यादा अट्रैक्टिव हो गया था। नई टैक्स रीजीम में एग्जेम्प्शन की सीमा भी 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। नई टैक्स रीजीम में टैक्स के रेट्स कम रखे गए हैं। 3 से 6 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स का रेट 5 फीसदी है।
नई टैक्स रीजीम में टैक्स रेट कम
नई टैक्स रीजीम में 6 से 9 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स का रेट 10 फीसदी है। 9 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर यह 15 फीसदी है। 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की इनकम यह 20 फीसदी टैक्स है। 15 लाख रुपये से ज्यादा की टैक्स पर 30 फीसदी टैक्स है। नई टैक्स रीजीम में टैक्स के रेट कम हैं, लेकिन टैक्सपेयर्स को डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस के फायदे इसमें नहीं मिलते हैं। इसलिए यह टैक्स रीजीम उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस क्लेम नहीं करते हैं।
पुरानी टैक्स रीजीम में टैक्स रेट्स
इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स से छूट हासिल है। 2.5 से 5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है। 7.5 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स का रेट 20 फीसदी है। 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स रेट 30 फीसदी है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2024 को नई टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 फीसदी कर सकती हैं। वह कुछ खास सेविंग्स पर डिडक्शन का ऐलान भी कर सकती हैं। इससे इस रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स भी सेविंग्स करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। अभी सेविंग्स पर किसी तरह का बेनेफिट नहीं होने से वे टैक्सपेयर्स इसका इस्तेमाल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, जो सेविंग्स करना चाहते हैं।