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Union Budget 2024 : वर्ल्ड क्लास रोड नेटवर्क वाली भारतमाला परियोजना की रफ्तार बढ़ानी होगी

Interim Budget 2024 : अक्टूबर 2017 में लॉन्च होने के बाद से देश में हर साल करीब 10,000 किलोमीटर सड़के बनाई का लक्ष्य था। भारतमाला परियोजना के पहले चरण को सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था। इस पर करीब 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान था। लेकिन, पहला चरण तय समय के मुकाबले काफी पीछे चल रहा है। प्रोजेक्ट्स समय पर तय नहीं होने की वजह से कॉस्ट काफी ज्यादा बढ़ गई है

अपडेटेड Jan 24, 2024 पर 11:00 AM
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Budget 2024 : एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार भारतमाला परियोजना की रफ्तार बढ़ाने पर फोकस करती है तो इससे देश में शानदार रोडनेटवर्क तैयार हो सकता है। इस परियोजना के समय पर पूरा नहीं होने से कॉस्ट बढ़कर 10.64 लाख करोड़ तक पहुंच गई है।

Budget 2024 : भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) की शुरुआत 2017 में हुई थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इसका मकसद इकोनॉमी की तेज रफ्तार के लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। इस परियोजना के तहत कुल 74,942 किलोमीटर लंब सड़क नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य है। परियोजना के पहले चरण को पूरा करने के लिए कई फाइनेंसिंग मॉडल्स तैयार किए हैं। फेज 1 के तहत 34,800 किलोमीटर रोड नेटवर्क विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया था। केंद्र सरकार का मानना है कि देशभर में विश्वस्तरीय रोड नेटवर्क तैयार करने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

बजट 2024 में परियोजना की रफ्तार बढ़ाने के उपाय शामिल हो सकते हैं

अक्टूबर 2017 में लॉन्च होने के बाद से देश में हर साल करीब 10,000 किलोमीटर सड़के बनाई जा रही हैं। भारतमाला परियोजना के पहले चरण को सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था। इस पर करीब 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान था। लेकिन, पहला चरण तय समय के मुकाबले काफी पीछे चल रहा है। प्रोजेक्ट्स समय पर तय नहीं होने की वजह से कॉस्ट काफी ज्यादा बढ़ गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग के तरीकों में भी कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट (Interim Budget) में इस बारे में कदम उठा सकती हैं।


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देरी से परियोजना कॉस्ट बढ़कर 10 लाख करोड़ के पार

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार भारतमाला परियोजना की रफ्तार बढ़ाने पर फोकस करती है तो इससे देश में शानदार रोडनेटवर्क तैयार हो सकता है। लेकिन, इसके लिए प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के उपाय करने होंगे। इस परियोजना के समय पर पूरा नहीं होने से कॉस्ट बढ़कर 10.64 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। यह शुरुआत अनुमान के मुकाबले दोगुना है। इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रोजेक्ट अवॉर्ड करने की रफ्तार सुस्त पड़ने की आशंका है।

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पूरे होने पर देशभर में रोडनेटवर्क की सूरत बदल जाएगी

इस परियोजना में सरकार का जोर कॉरिडोर आधारित रोड नेटवर्क विकसित करने पर रहा है। इसमें इकोनॉमिक कॉरिडोर डेवलपमेंट, इंटर-कॉरिडोर और फीडर रूट्स डेवलपमेंट आदि शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट्स के तहत बंदरगाहों को रोड नेटवर्क से जोड़ने के लिए शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का लक्ष्य है। अभी कई राज्यों में इस प्रोजेक्ट के तहत रोड नेटवर्क पर काम चल रहा है। इनके पूरा होने पर आर्थिकि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ेगी।

कैग को प्रोजेक्ट अवॉर्ड में अनियमितता मिली है

पिछले साल अगस्त में कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) ऑफ इंडिया ने इस परियोजना के तहत प्रोजेक्ट देने में अनियमितताएं मिलने की बात कही थी। उसने कई ज्यादा लागत वाली इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट  और कंस्ट्रक्शन में कॉस्ट बहुत ज्यादा बढ़ने के बारे में बताया था। इनमें द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट और दिल्ली-वडोडरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट भी शामिल है।

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