Union budget 2024 : सरकार एनर्जी के कुल उत्पादन में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि आने वाले समय में बड़ा बदलाव दिख सकता है। सिंह ने 3 जनवरी को एक कार्यक्रम में कहा कि इस मामले में अब तक ग्रोथ एक दिशा में हुई है। लेकिन, आगे स्थिति बदलने जा रही है। पावर सेक्टर में बदलाव की जो मौजूदा रफ्तार है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि भविष्य पूरी तरह अलग होगा। हालांकि, पॉलिसी के लेवल पर किए गए उपायों और यूनियन बजट (Union Budget 2024) में फोकस बढ़ाने के बावजूद रिन्यूएबल एनर्जी की ग्रोथ टारगेट के मुकाबले कम रही है। रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन का जो लक्ष्य सरकार ने रखा है, उससे भी कनफ्यूजन की स्थिति बनी है। पहले सरकार ने 2022 तक सोलर एनर्जी के लिए 100 GW की उत्पादन क्षमता का टारगेट तय किया था। तब रिन्यूएबल एनर्जी (विंड, बायोमास और स्मॉल हाइड्रो सहित) के लिए कुल उत्पादन क्षमता का लक्ष्य 175 GW (गीगा वॉट) तय किया गया था। पावर मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, 30 नवंबर, 2023 तक सोलर एनर्जी की स्थापित क्षमता 72GW से थोड़ी ज्यादा थी, जबकि रिन्यूएबल एनर्जी की कुल क्षमता 132 GW थी।
बजट 2024 : 2026-27 तक करीब 186 GW का टारगेट
सोलर पावर के मोर्चे पर प्रदर्शन सुस्त रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के लिए सोलर पावर पर फोकस बढ़ाना होगा। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) ने नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (2022-27) में 2026-27 तक सोलर एनर्जी के लिए करीब 186 GW का टारगेट तय किया है। CEA ने कहा है कि अगले तीन फाइनेंशियल ईयर में सोलर एनर्जी की उत्पादन क्षमता में 110 GW का इजाफा होगा। इसका मतलब है कि हर साल सोलर एनर्जी की उत्पादना क्षमता 35GW बढ़ेगी। लेकिन, सोलर एनर्जी की उत्पादन क्षमता में हर साल होने वाला इजाफा करीब 14GW है।
बजट 2024 : प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण एक बड़ा मसला
सरकार ने क्लीन एनर्जी का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन, रिन्यूएबल एनर्जी के टारगेट को देखते हुए अंतरिम बजट में इसके लिए आवंटन बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, सिर्फ बजट आवंटन बढ़ाने से यह टारगेट पूरा होने वाला नहीं है। रिन्यूएबल एनर्जी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के रास्ते में कुछ बड़ी दिक्कतें हैं। उदाहरण के लिए जमीन अधिग्रहण में बाधा के चलते ग्रिड लेवल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में दिक्कत आ रही है। रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए रूफटॉप सोलर (RTS) के मोर्चे पर प्रोग्रेस जरूरी है। अब तक आरटीएस का प्रोग्रेस अच्छा नहीं रहा है। जहां तक विंड पावर प्रोजेक्ट्स की बात है तो इसमें टोपोग्राफिकल बाधाएं सामने आई हैं।
बजट 2024 : फाइनेंस बढ़ाने के उपाय करने होंगे
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिन्यूएबल एनर्जी के लिए फाइनेंस भी एक बड़ी प्रॉब्लम है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के मुताबिक, 2026 से 2030 के बीच क्लीन एनर्जी पर सालाना 260 अरब डॉलर का निवेश जरूरी है। अभी हर साल सिर्फ 45 अरब डॉलर का खर्च हो पा रहा है। खबरें हैं कि पावर सेक्टर को कर्ज देने वाली कंपनी REC को नेशनल रूफटॉप सोलर स्कीम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं। इससे ग्रीन एनर्जी का टारगेट पूरा करने में मदद मिलेगी। REC को इस स्कीम को पूरे देश भर में लागू करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया जा सकता है। इससे सोलर एनर्जी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।