Union Budget 2023: हलवा सेरेमनी के साथ 26 जनवरी को यूनियन बजट (Budget 2023) के अंतिम चरण की शुरुआत हो गई। बजट से पहले हर साल हलवा सेरेमनी ( Halwa ceremony) का आयोजन होता है। इसके बाद बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई के लिए 'लॉक-इन' प्रोसेस शुरू हो जाता है। हालांकि, 2022 में यूनियन बजट के अंतिम चरण की शुरुआत से पहले हलवा सेरेमनी की जगह स्टाफ को मिठाइयां बांटी गई थीं, क्योंकि कोरोना की महामारी की वजह से हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं हो सका था। बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई नॉर्थ ब्लॉक स्थित सरकार के प्रेस में होती है। यह काम बहुत गोपनीय तरीके से होता है।
वित्त मंत्रालय हर साल यूनियन बजट से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन करता है। इस समारोह के बाद बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई का काम शुरू हो जाता है। नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक में इसे अंजाम दिया जाता है। हलवा सेरेमनी में वित्तमंत्री खुद मौजूद रहती हैं। यूनियन बजट से जुड़े वित्तमंत्रालय के अधिकारी भी समारोह में शामिल होते हैं।
यूनियन बजट का लॉक-इन प्रोसेस क्या है?
लॉक-इन दरअसल एक पीरियड है, जिसका मकसद बजट डॉक्युमेंट्स की गोपनीयता बनाए रखना है। इस पीरियड में बजट डॉक्युमेंट्स की जानकारी रखने वाले स्टाफ को अलग रखा जाता है। उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं होती है। नॉर्थ ब्लॉक में सरकार का प्रेस है, जहां बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई होती है। बजट डॉक्युमेंट्स की जानकारी रखने वाले सभी स्टाफ इसी प्रेस में रहते हैं।
नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में एक प्रिटिंग प्रेस है। 1980 से 2020 तक बजट डॉक्युमेंट्स की छपाई इसी प्रेस में होती थी। उसके बाद बजट डॉक्युमेंट्स डिजटल हो गए। इसलिए अब बहुत कम डॉक्युमेंट्स की छपाई होती है। ज्यादातर डॉक्युमेंट्स सासंदों, मीडिया और दूसरे लोगों के मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
बजट डॉक्युमेंट्स डिजिटल होने का एक फायदा यह है कि लॉक-इन पीरियड घटकर सिर्फ 5 दिन का रह गया है। पहले यह लंबा होता था। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 से बजट को पेपरलेस बना दिया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी बुधवार को यूनियन बजट संसद में पेश करेंगी।