Credit Cards

Budget 2024: किसी ने कहा- 'कुर्सी बचाओ' बजट, तो किसी ने बताया 'नकलची'... जानें राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने क्या कहा

Budget 2024: वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है। इसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा। कांग्रेस ने आम चुनाव में अपने घोषणापत्र में ट्रेनिंग के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था

अपडेटेड Jul 23, 2024 पर 3:55 PM
Story continues below Advertisement
Budget 2024: राहुल गांधी ने कहा कि सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए

Budget 2024: विपक्षी दलों ने मंगलवार (23 जुलाई) को सरकार पर 'कॉपी-पेस्ट', 'कुर्सी बचाओ', 'नकलची' और 'सरकार बचाओ' बजट पेश करने का आरोप लगाया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस बजट में नौजवानों, किसानों तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी की गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने "कुर्सी बचाओ" बजट पेश किया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है।

राहुल गांधी ने X पर पोस्ट किया, "सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, AA को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई।" उन्होंने आरोप लगाया, "कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट का 'कॉपी-पेस्ट' किया गया है।"

खड़गे ने बताया 'नकलची' बजट


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि 'मोदी सरकार बचाओ' बजट पेश किया है। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह 'नकलची बजट' है जिसमें सरकार कांग्रेस के 'न्याय' के एजेंडे की ठीक तरह से नकल नहीं कर पाई है।

खड़गे ने X पर पोस्ट किया, "कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट"! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी "रेवड़ियां" बांट रहा है, ताकि NDA बची रहे। यह "देश की तरक्की" का बजट नहीं, "मोदी सरकार बचाओ" बजट है।"

उन्होंने कहा, "10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुईं हैं। डेढ़ गुना MSP और आय दोगुना करना, सब चुनावी धोखेबाजी निकली। ग्रामीण वेतन (आय) को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।"

कांग्रेस प्रमुख के मुताबिक, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, माध्यम वर्ग और गांव-गरीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने लागू की थी। उन्होंने दावा किया महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वे श्रम बल में अधिक से अधिक शामिल हों।

खड़गे ने कहा, "महंगाई पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है और जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वह पूंजीपति मित्रों में बांट रही है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जन-कल्याण और आदिवासियों पर बजट में आवंटन से कम खर्च किया है क्योंकि ये भाजपा की प्राथमिकताएं नहीं हैं।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "आए दिन रेल हादसे हो रहें हैं, ट्रेनों को बंद किया गया है, कोच की संख्या घटी है, आम यात्री परेशान हैं, पर बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कोई जवाबदेही नहीं है।" उन्होंने दावा किया, "जनगणना व जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं बोला गया है, जबकि ये पांचवां बजट है जो बिना जनगणना के प्रस्तुत किया जा रहा है। यह हैरान कर देने वाली अप्रत्याशित नाकामी है, जो लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है।"

खड़गे ने कटाक्ष करते हुए कहा, "20 मई 2024, यानी चुनाव के दौरन ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि "100 दिनों की कार्य योजना हमारे पास पहले से ही है। जब कार्य योजना दो महीने पहले थी तो कम से कम बजट में ही बता देते।" उन्होंने आरोप लगाया कि BJP केवल जनता से धोखेबाजी करने में व्यस्त है।

अन्य नेताओं ने क्या कहा?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। रमेश ने X पर पोस्ट किया, "वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका 'इंटर्नशिप' कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे 'पहली नौकरी पक्की' कहा गया था। हालांकि, अपनी चिर-परिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिजाइन किया गया है।"

उन्होंने दावा किया, "10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।" रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।

चिदंबरम का वित्त मंत्री पर तंज

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हुई है कि लोकसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल का घोषणापत्र पढ़ा। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने X पर पोस्ट किया, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ELI) को वस्तुतः अपना लिया है।"

उनका कहना है, "मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की भी नकल की होती।"

वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने X पर पोस्ट किया, "कॉपी-पेस्ट सरकार। 2024-25 के बजट में कांग्रेस के घोषणा पत्र का असर। निर्मला सीतारमण को कांग्रेस के 'न्याय पत्र 2024' का सहारा लेना पड़ा। कांग्रेस के 5 'न्याय' में सबसे पहला युवा न्याय। पहली नौकरी पक्की: युवा न्याय के तहत हर डिग्री/डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपये मानदेय देने का वादा किया गया था।"

उन्होंने कहा, "बजट 2024-25 में सिर्फ एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान, इंटर्नशिप के दौरान साठ हजार रुपये का प्रावधान। हालांकि, मोदी सरकार को इस विचार के लिए कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहिए।"

अखिलेश यादव ने देश की अनदेखी का लगाया आरोप

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को 'सरकार बचाने' का प्रयास करार दिया। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का नौजवान आधी-अधूरी नहीं, बल्कि पक्की नौकरी चाहता है। यादव ने सवाल किया, "उत्तर प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ बड़े फैसले हैं?"

बंगाल को लेकर TMC नाराज

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारत के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए पेश किया गया बजट है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह दावा भी किया कि यह "कुर्सी बचाओ बजट" है। उन्होंने कहा, "इस बजट का उद्देश्य (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की स्थिति को बचाना है। यह NDA के लिए बजट है, भारत के लिए नहीं है।"

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने आरोप लगाया कि यह निराशाजनक बजट है। उन्होंने कहा, "इस बजट में आदिवासियों के रोजगार के लिए, उनका पलायन रोकने के लिए और आदिवासी महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया।" महुआ ने यह दावा भी किया कि झारखंड की सरकार के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

'प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना'

शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस बजट को 'प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना' कहा जाना चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया, "इसमें महाराष्ट्र के लिए कुछ भी नहीं था। यह राज्य केंद्र को पैसा देने के लिए दुधारू गाय बना रहेगा, लेकिन राज्य के विकास के लिए पैसा नहीं दिया जाएगा।"

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।