एडटेक स्टार्टअप बायजू (Byju's) ने ऑर्गेनाइजेशन के कंसोलिडेशन और रिस्ट्रक्चरिंग के साथ मार्च 2024 तक मुनाफे में आने का लक्ष्य तय किया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी 1.2 अरब डॉलर के कर्ज का निपटान भी करेगी। इसके अलावा, कंपनी इस महीने करीब 3000-3500 कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी में है और इसके लिए जरूरी कवायद शुरू कर दी गई है।
क्या है बिजनेस रिस्ट्रक्चरिंग का मकसद?
एक सूत्र ने कहा, "थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (TLPL) के रिस्ट्रक्चरिंग से कई बिजनेस यूनिट्स में फैली मौजूदा ऑपरेशन को चार कोर एरिया में व्यवस्थित किया जाएगा। बिजनेस रिस्ट्रक्चरिंग का मकसद कैश फ्लो के साथ रिसोर्स का मिलान करना है।" उन्होंने कहा, "कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मार्च तक मुनाफे में आ जाएगी।" बायजू ने इस संबंध में भेजे गए एक सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। TLPL बायजू ब्रांड नाम के तहत संचालन करती है।
सूत्र ने कहा, "बायजू 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के टर्म लोन बी को निपटाने में मदद के लिए EPIC को अलग करने के लिए निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है। कंपनी 150 दिनों के भीतर इसका निपटान करना चाहती है। प्रपोजल कर्जदाताओं के पास गया है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।"
कंपनी को 4588 करोड़ का घाटा
बायजू ने इससे पहले मार्च 2023 तक मुनाफे में आने का लक्ष्य रखा था। कंपनी ने 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 4,588 करोड़ का घाटा दर्ज किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 19 गुना अधिक है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कंपनी का घाटा 2019-20 में ₹231.69 करोड़ से बढ़ गया। FY21 के दौरान राजस्व FY20 में 2,511 करोड़ से गिरकर 2,428 करोड़ हो गया। लेकिन 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने राजस्व को चार गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये होने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी ने उस वर्ष के लाभ या हानि के आंकड़े जारी नहीं किए। कंपनी ने 2021-22 के अपने वित्तीय परिणामों को अंतिम रूप देने के लिए अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में शेयरधारकों की बैठक बुलाई है।