मोबाइल रिटेलर्स ने चीनी ब्रांड iQoo, Poco और OnePlus का लाइसेंस रद्द करने की मांग की, जानिए क्या है वजह

AIMRA के फाउंडर और चेयरमैन कैलाश लखयानी ने मनीकंट्रोल को बताया कि CCI की रिपोर्ट और लगातार फॉलो-अप के बावजूद ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमेजॉन के साथ एक्सक्लुसिव एग्रीमेंट करके नियमों का उल्लंघन कर रही हैं और रिटेल स्टोर्स के माध्यम से प्रोडक्ट्स को डिस्ट्रीब्यूट करने से इनकार करती हैं

अपडेटेड Oct 01, 2024 पर 5:37 PM
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मोबाइल रिटेलर्स ने केंद्र सरकार से भारत में चीनी ब्रांड iQoo, Poco और OnePlus का कारोबार बंद करने का आग्रह किया है।

मोबाइल रिटेलर्स ने केंद्र सरकार से भारत में स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनियों iQoo, Poco और OnePlus का कारोबार बंद करने का आग्रह किया है। मोबाइल रिटेलर्स का कहना है कि उनकी एंटी-कंपटीटिव प्रैक्टिसेज के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AMIRA) ने कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल और फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप की मांग की है, जिसमें ऐसी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है।

AIMRA के चेयरमैन ने क्या कहा?

AIMRA के फाउंडर और चेयरमैन कैलाश लखयानी ने मनीकंट्रोल को बताया, "CCI की रिपोर्ट और लगातार फॉलो-अप के बावजूद ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमेजॉन के साथ एक्सक्लुसिव एग्रीमेंट करके नियमों का उल्लंघन कर रही हैं और रिटेल स्टोर्स के माध्यम से प्रोडक्ट्स को डिस्ट्रीब्यूट करने से इनकार करती हैं।


इसके अलावा, ई-कॉमर्स से प्रोडक्ट्स को रिटेल चैनलों में अनऑथराइज्ड रूप से भेजने से फंड रोटेशन बाधित होता है और इससे सरकारी खजाने को अतिरिक्त रोटेशनल जीएसटी से लाभ उठाने का अवसर नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि लोकल बिजनेस की सुरक्षा और देश में फेयर ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज को बनाए रखना जरूरी है। AIMRA देश के 1.5 मिलियन से ज्यादा मोबाइल रिटेलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एक शीर्ष संस्था है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को एक्सक्लुसिव डिस्ट्रीब्यूशन की चिंताजनक ट्रेंड ने लोकल रिटेलर्स को हाशिए पर डाल दिया है और रेगुलेशन के पालन के बारे में चिंताएं पैदा की हैं। कई चीनी कंपनियां ग्रे मार्केट एक्टिविटी का समर्थन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इसी तरह का तरीका अपनाती है, जिससे भारत में फेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज को नुकसान पहुंचता है।

लोकल बिजनेस को सपोर्ट नहीं करने का आरोप

एसोसिएशन ने 27 सितंबर को सांसद प्रवीण खंडेलवाल को लिखे पत्र में इन मुद्दों के बारे में बात की। उन्होंने वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों के समक्ष इस मुद्दे को उठाने में उनकी मदद मांगी। लखयानी ने कहा, "हाल ही में आई CCI रिपोर्ट में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और OEM के बीच एंटी-कंपटीटिव प्रैक्टिसेज का खुलासा हुआ है। हम उन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करना चाहते हैं जो भारत में लोकल बिजनेस और फेयर ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज का समर्थन नहीं करती हैं।"

उन्होंने पत्र में कहा, "हम आपसे इस मुद्दे को माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं, ताकि ऐसी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की जा सके। लोकल बिजनेस की रक्षा करना और हमारे देश में फेयर ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज को बनाए रखना अहम है।"

वीवो के सब-ब्रांड iQoo के कामकाज पर AIMRA ने कहा कि ब्रांड के प्रोडक्ट मुख्य रूप से Amazon, Flipkart और अपने स्वयं के ऑनलाइन स्टोर जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाते हैं। रिटेलर्स बॉडी ने कहा कि उसने वीवो और iQoo दोनों से लगातार आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि स्टॉक ट्रेडिशनल रिटेल आउटलेट्स को सप्लाई की जाए।

MoneyControl News

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First Published: Oct 01, 2024 5:33 PM

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