सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कोका-कोला के बॉटलिंग का काम अब स्थानीय कंपनियां संभालेंगे। कंपनी ने आज इससे जुड़ा ऐलान किया है कि यह तीन इलाकों में अपनी बॉटलिंग ऑपरेशंस को स्थानीय सहयोगियो को ट्रांसफर करेगी। कोका-कोला की बॉटलिंग इकाई हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज (HCCB) राजस्थान, बिहार और नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में यह काम अपने मौजूदा पार्टनर्स को ट्रांसफर कर रही है। इस प्रकार अब इन इलाकों में बॉटलिंग का काम कांधारी ग्लोबल बेवरेजेज, एसएलएमजी बेवरेजेज और मून बेवरेजेज देखेंगी। HCCB की यह स्ट्रैटेजी अपने कुछ रीजनल ऑपरेशंस को लोकल पार्टनर्स को फ्रेंचाइजी बनाने का हिस्सा है।
ऐसे ट्रांसफर किया गया बॉटलिंग का काम
HCCB की कारोबारी स्ट्रैटेजी के तहत अब राजस्थान मार्केट का काम कांधारी ग्लोबल बेवरेजेज के पास देखेगी। इसके पास पहले से ही दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख के कुछ हिस्सों का काम है। बिहार के मार्केट का काम एसएलएमजी बेवरेजेज को मिला है। अभी यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी काम-काज देख रही है। इसके अलावा पूर्वी राज्यों के मार्केट और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों का काम काम मून बेवरेजेज को मिला है जो अभी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम कर रही है।
देश में 16 फैक्ट्रीज ऑपरेट करती है HCCB
HCCB India के सीईओ जुआन पाब्लो रोड्रिगुएज (Juan Pablo Rodriguez) का कहना है कि इस प्रकार का कारोबारी ट्रांसफर यह सुनिश्चित करता है कि कारोबार के सभी हिस्सों में सही लवल पर निवेश हो। उन्होंने कहा कि इस स्ट्रैटेजी के जरिए कंपनी को अपना दबदबा बढ़ाने में मदद मिलेगी। HCCB का गठन 1997 में हुआ था और यह देश में 16 फैक्ट्रीज ऑपरेट करती है। यह कोका-कोला, थम्स अप, स्प्राइट, मिनट मेड, माजा, स्मार्टवाटर, किनले, लिम्का और फैंटा समेत सात कैटेगरीज में में 60 प्रोडक्ट्स बनाकर बेचती है। वित्त वर्ष 2023 में इसका ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 41.51 फीसीद उछलकर 12,735.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान इसका नेट प्रॉफिट भी दोगुना उछलकर 809.32 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।