FMCG कंपनी डाबर का कहना है कि डोमेस्टिक मार्केट्स के लिए उसके मसाला प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड (Ethylene Oxide) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। वहीं, इंटरनेशनल मार्केट्स में इसका उपयोग तय सीमा के भीतर किया जाता है। कंपनी ने आज 2 मई को यह जानकारी दी। बता दें कि हाल ही में सिंगापुर और हांगकांग में एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) मसालों के कुछ प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन मसाला ब्रांड्स पर कैंसर पैदा करने वाले पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसके बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी दोनों कंपनियों के प्रोडक्ट्स की जांच शुरू हो गई है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने इन आरोपों का खंडन किया है।
डाबर के मैनेजमेंट ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डाबर के मसाला पोर्टफोलियो पर कहीं भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। डाबर के CEO मोहित मल्होत्रा ने कहा, “हम तय सीमा के भीतर इस्तेमाल करते हैं। इसलिए हमें लगता है कि हम सुरक्षित हैं।" गुणवत्ता के मामले में कंपनी ने अपने एक्सपोर्ट बैचों की स्टरलाइजेशन सुनिश्चित करने के लिए एक माइक्रो लैब स्थापित की है। इसमें कहा गया है कि एथिलीन ऑक्साइड के बजाय कंपनी ने एक्सपोर्ट बैचों के लिए स्टीम स्टरलाइजेशन का विकल्प चुना है।
तय नियमों का किया जाता है पालन: Dabur
डाबर ने कहा कि वे डोमेस्टिक रेगुलेटरी बॉडी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा तय गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हैं। एथिलीन ऑक्साइड FSSAI के नियमों का हिस्सा नहीं है, इसलिए कंपनी घरेलू बाजार में अपने प्रोडक्ट्स पर एथिलीन ऑक्साइड का छिड़काव नहीं करती है। डाबर ने पिछले साल 600 करोड़ रुपये की डील में बादशाह मसाला का अधिग्रहण किया। बादशाह मसाला की मौजूदगी कुछ विदेशी बाजारों में थी।
डाबर इंडिया का मुनाफा 16 फीसदी बढ़ा
डाबर इंडिया ने आज मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए। इस दौरान कंपनी ने 341.22 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही के 292.76 करोड़ रुपये से 16.5 फीसदी अधिक है। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि Q4FY24 में कंपनी का कुल रेवेन्यू 2,814.64 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तिमाही में 2,677.80 करोड़ रुपये से 5.11 फीसदी अधिक है।