हाल ही में जी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment Enterprises Limited) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (वर्तमान नाम Culver Max Entertainment) के साथ 10 अरब डॉलर का विलय सौदा, सोनी की ओर से रद्द किया गया। इस पर जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया। अब Zee Entertainment भी ऐसी ही कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकती है और उसके खिलाफ मुकदमा दायर करने वाली कंपनी होगी वॉल्ट डिज्नी (Walt Disney)। वजह Zee Entertainment ने वॉल्ट डिज्नी के साथ लगभग 1.4 अरब डॉलर का सौदा तोड़ दिया है।
यह सौदा भारत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के टीवी प्रसारण के लिए अधिकारों को लेकर था। Zee Entertainment ने वॉल्ट डिज्नी को सूचना दी है कि वह डिज्नी से हासिल किए गए क्रिकेट टीवी अधिकारों के लिए लगभग 1.4 अरब डॉलर का भुगतान करने के सौदे पर आगे नहीं बढ़ना चाहती है।इस फैसले के बाद डिज्नी स्टार, Zee Entertainment के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उद्योग सूत्रों ने कहा कि मीडिया समूह द वॉल्ट डिज्नी की भारतीय सब्सिडियरी डिज्नी स्टार (Disney Star) इस मामले में अपनी रणनीति पर काम कर रही है। अगर रद्द किए गए समझौते में मध्यस्थता क्लॉज शामिल है तो डिज्नी स्टार को विवाद के समाधान के लिए मध्यस्थता कार्यवाही का सहारा लेना पड़ सकता है। अगर समझौते में मध्यस्थता क्लॉज नहीं है तो डिज्नी, जी के खिलाफ मुआवजे के लिए मुकदमा करने को लेकर कानूनी कार्यवाही शुरू कर सकती है।
Zee Entertainment ने अगस्त 2023 में स्टॉक एक्सचेंजेस को बताया था कि उसने अमेरिकी फर्म Walt Disney से 2024 से शुरू होने वाले 4 वर्षों के लिए, कुछ इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल टीवी ब्रॉडकास्ट अधिकार लेने के लिए डिज्नी के साथ एक स्ट्रैटेजिक लाइसेंस समझौता किया है। हालांकि Walt Disney के पास भी स्ट्रीमिंग राइट्स बरकरार रहने वाले थे। हाल के हफ्तों में Zee Entertainment, डिज्नी को पहले 20 करोड़ डॉलर का भुगतान करने से चूक गई और उसने वॉल्ट डिज्नी को बताया कि वह सौदे से पीछे हट रही है।
Sony के बीच विलय सौदा परवान नहीं चढ़ने का नतीजा
कहा जा रहा है कि डिज्नी के साथ रद्द हुई डील, जी एंटरटेनमेंट और सोनी के बीच विलय सौदा परवान नहीं चढ़ने का नतीजा है। बता दें कि सोनी ने विलय की शर्तों को पूरा करने में जी की विफलता के लिए टर्मिनेशन फीस के रूप में 9 करोड़ डॉलर की मांग करते हुए सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का रुख किया था। जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के इस दावे का विरोध किया है और सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा सौदा रद्द होने के बाद जी एंटरटेनमेंट ने विलय योजना को लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए एनसीएलटी में याचिका दायर की है।