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Dixon Technologies Q1 Results: 5 तिमाही में पहली बार 100% के नीचे आया रेवेन्यू, मुनाफा 68% बढ़ा

Dixon Technologies Q1 Results: डिक्सन टेक्नोलॉजीज का जून तिमाही रेवेन्यू 95% बढ़ा, लेकिन 5 तिमाहियों में पहली बार 100% से कम रहा। मोबाइल और टेलीकॉम सेगमेंट ने ग्रोथ में योगदान दिया, जबकि मार्जिन थोड़ा दबा रहा। जानिए रिजल्ट की पूरी डिटेल।

अपडेटेड Jul 22, 2025 पर 7:58 PM
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जून तिमाही के दौरान डिक्सन टेक्नोलॉजीज का EBITDA 97% बढ़कर ₹482.4 करोड़ रहा।

Dixon Technologies Q1 Results: डिक्सन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Dixon Technologies Ltd) ने मंगलवार, 22 जुलाई को जून तिमाही (Q1FY26) के नतीजे घोषित किए। कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 95% की बढ़त के साथ ₹12,835 करोड़ पर पहुंचा। CNBC-TV18 के पोल में ₹12,535 करोड़ का अनुमान जताया गया था। यह पांच तिमाहियों में पहली बार है जब कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ 100% से कम रही।

EBITDA बढ़ा, मार्जिन सपाट

जून तिमाही के दौरान डिक्सन टेक्नोलॉजीज का EBITDA 97% बढ़कर ₹482.4 करोड़ रहा। यह CNBC-TV18 के ₹482 करोड़ के अनुमान से मेल खाता है। हालांकि, EBITDA मार्जिन 0.6% पर सपाट बना रहा। कंपनी का शुद्ध लाभ 68% बढ़कर ₹225 करोड़ रहा। यह भी पोल के ₹228 करोड़ के अनुमान के बेहद करीब रहा।


मोबाइल, टेलीकॉम सेगमेंट से बढ़ी ग्रोथ

मोबाइल सेगमेंट में वॉल्यूम ग्रोथ और टेलीकॉम व IT हार्डवेयर बिजनेस की बढ़ती हिस्सेदारी ने कंपनी के टॉपलाइन ग्रोथ को समर्थन दिया। कंपनी के मुताबिक, मोटोरोला द्वारा भारत में नए लॉन्च और निर्यात संचालन के विस्तार से भी तिमाही प्रदर्शन को मजबूती मिली।

इस तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री लगभग 95 लाख यूनिट रहने का अनुमान है। इसमें घरेलू बाजार और मोटोरोला की निर्यात वॉल्यूम दोनों की अहम भूमिका रही।

डिक्सन के नतीजे पर एक्सपर्ट की राय

INVasset PMS के बिजनेस हेड हर्षल दसानी ने कहा कि Dixon Technologies की तेज ग्रोथ के बावजूद उसकी कमाई (Revenue) विश्लेषकों के अनुमान से थोड़ी कम रही। ये दिखाता है कि अस्थिर बाजार में लगातार ग्रोथ बनाए रखना कितना मुश्किल होता है।

उन्होंने कहा, 'मुनाफे की बात करें तो कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी EBITDA इस तिमाही ₹4,830 करोड़ रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 93.2% ज्यादा है। ये आंकड़ा विश्लेषकों की उम्मीदों के बिल्कुल करीब है। हालांकि, EBITDA मार्जिन थोड़ा गिरा है। यह 3.76% रहा, जबकि पिछले साल 3.8% था। इसकी वजह कच्चे माल की लागत और सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतें हैं।'

दसानी ने कहा कि इसके बावजूद Dixon ने जबरदस्त ऑपरेशनल एफिशिएंसी दिखाई है। जैसे-जैसे कंपनी अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को बढ़ा रही है, उसका फोकस इस बात पर रहेगा कि मार्जिन की मार से कैसे बचा जाए और हाई-ग्रोथ सेगमेंट्स का पूरा फायदा उठाया जाए।

Dixon के शेयरों का हाल

नतीजों से पहले मंगलवार को Dixon के शेयर 1.1% गिरकर ₹16,114 पर बंद हुए। हालांकि, बीते एक महीने में स्टॉक में कुल 11% की तेजी दर्ज की गई है। पिछले 1 साल में स्टॉक में 41.90% का उछाल आया है।

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