Trump Tariff: आखिरकार 2 अप्रैल से जिस टैरिफ के लिए मार्केट में काफी कैलकुलेशन चल रही थी, उससे पर्दा हट गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कारोबारी साझेदारों को तगड़ा शॉक दिया है। भारत भी इससे बच नहीं पाया है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक चार्ट के साथ दिखे और उन्होंने किस देश पर कितना टैरिफ, इसका ऐलान किया। उन्होंने चीन के सामानों पर 34 फीसदी, ताईवान से आयात पर 32 फीसदी, यूरोपीय यूनियन की चीजों पर 20 फीसदी, दक्षिण कोरिया से आयात पर 25 फीसदी, भारत से आयात पर 26 फीसदी, जापान से आयात पर 24 फीसदी का शुल्क लगाया है। ट्रंप ने इसे 'मुक्ति दिवस' कहते हुए अमेरिकी इतिहास का अहम दिन कहा।
अमेरिका ने क्यों कहा डिस्काउंटेड टैरिफ?
टैरिफ का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उदार रुख अपना रहा है और अमेरिकी सामानों पर ये देश जितना टैरिफ लगाते हैं, उसका आधा ही उन देशों के सामानों पर टैरिफ लगाया जा रहा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था जो देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैरिफ लगा रहा है, उस पर 2 अप्रैल से उतना ही टैरिफ लगाया जाएगा। भारत की बात करें तो ट्रंप ने जो चार्ट दिखाया है, उसके मुताबिक अमेरिकी सामानों पर भारत 52 फीसदी टा टैरिफ लगा रहा है। इसके अलावा ट्रंप का कहना है कि करेंसी मैनिपुलेशन और ट्रेड बैरियर्स भी हैं। अब अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है और ट्रंप ने इसे डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ कहा।
भारत को पहले ही 'Tariff King' कह चुके हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को पहले ही टैरिफ किंग और 'बिग एब्यूजर' कह चुके हैं। 13 फरवरी को पीएम मोदी के साथ व्हाइट हाउस में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंपने कहा था कि कारोबारी बाधाओं और तगड़े टैरिफ के चलते भारत में कोई चीज बेचना बहुत कठिन है। ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ अमेरिका का कारोबारी घाटा करीब 10 हजार करोड़ डॉलर का है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इस बात को लेकर राजी हो गए हैं कि दोनों देशों के बीच जो असमानताएं लंबे समय से चल रही हैं, उस पर बाचतीत की जाएगी। ट्रंप के मुताबिक यह ऐसा काम है, जिस पर पिछले चार साल में ही काम हो जाना चाहिए था।