ED के रडार पर आए Gensol के मालिक अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी, महादेव ऐप घोटाले में हो सकती है पूछताछ

जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर्स अनमोल सिंग जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) जग्गी बंधुओं को पूछताछ के लिए समन भेज सकता है। हालांकि ED ने अभी तक आधिकारिक तौर पर जग्गी बंधुओं को तलब नहीं किया है

अपडेटेड Apr 22, 2025 पर 11:29 AM
Story continues below Advertisement
ED ने हाल ही में जेनसोल इंजीनियरिंग के 5 लाख से अधिक शेयर फ्रीज कर दिए हैं

जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर्स अनमोल सिंग जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) जग्गी बंधुओं को पूछताछ के लिए समन भेज सकता है। अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। हालांकि ED ने अभी तक आधिकारिक तौर पर जग्गी बंधुओं को तलब नहीं किया है, लेकिन एजेंसी ने हाल ही में जेनसोल इंजीनियरिंग के 5 लाख से अधिक शेयर फ्रीज कर दिए हैं।

जांच एजेंसी को शक है कि इन शेयरों की कीमतों को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया गया और इसके पीछे दुबई की एक कंपनी 'जेनिथ मल्टी ट्रेडिंग डीएमसीसी' का हाथ है। यह कंपनी महादेव ऐप घोटाले के आरोपी हरि शंकर टिबरेवाल से जुड़ी मानी जा रही है।

रिपोर्ट में एक सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया कि जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि महादेव ऐप से निकाले गए काले धन को फॉरेन पोर्टफोलिय निवेशकों (FPI) के जरिए भारत लाया गया और जेनसोल इंजीनियरिंग जैसे SME लिस्टेड स्टॉक्स में निवेश किया गया, ताकि बाजार में हेरफेर किया जा सके। ED यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या प्रमोटर्स को इन निवेशों के स्रोत के बारे में जानकारी थी।


महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच के तहते ED ने इस हफ्ते की शुरुआत में 573 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अटैच की थीं, जिसमें जेनसोल इंजीनियरिंग से जुड़ी सिक्योरिटीज और डिमैट अकाउंट्स भी शामिल हैं। शेयर बाजारों को भेजी गई एक सूचना के मुताबिक, ईडी के रायपुर जोनल ऑफिस ने जेनसोल इंजीनियरिंग के 520,063 शेयरों (कंपनी में 1.37% हिस्सेदारी) को अपने कब्जे में ले लिया है, जो पहले जेनिथ मल्टी के नाम पर दर्ज थे।

हादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच रायपुर जोनल ऑफिस की ओर से की जा रही है। ईडी ने 16 अप्रैल को दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर और संबलपुर समेत 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें EaseMyTrip के फाउंडर निशांत पिट्टी का घर भी शामिल था।

ED ने हाल ही में दिए एक बयान में बताया कि, बेटिंग ऐप से जुटाए पैसों को दुबई और मॉरिशस जैसे टैक्स हेवन देशों के FPI के जरिए भारत लाया गया। फिर भारत में इन पैसों को SME स्टॉक्स में लगाया गया, जिससे इन कंपनियों के शेयरों में कृत्रिम तरीके से उतार-चढ़ाव पैदा हो, जिससे रिटेल निवेशकों को गुमराह किया जा सके।

अब तक इस केस में ईडी ने 170 से अधिक जगहों पर छापेमारी, 13 गिरफ्तारियां और ₹3,002.47 करोड़ की संपत्तियों की जब्ती/अटैचमेंट की है। 74 कंपनियों/संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है।

महादेव ऐप के फाउंडर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अभी भी फरार हैं और इनके वानुआतु देश के नागरिकता लेने की खबर है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस घोटाले का साइज 5,500 करोड़ रुपये से अधिक का है और इस पैसे का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी, रियल एस्टेट और शेयरों में निवेश के लिए किया गया। इस घोटाले की जांच में CBI और जीएसटी विभाग भी सक्रिय रूप से शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- Steel Stocks: टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू, SAIL के शेयरों में 2% की तेजी, एक्सपर्ट्स बोले- यही 'बेचने' का सही समय

Moneycontrol Hindi News

Moneycontrol Hindi News

First Published: Apr 22, 2025 11:15 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।