मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों और फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर में काम करने वाली कर्मचारियों के लिए यह दिवाली अधिक खुशियों भरा हो सकता है। दरअसल ह्यूमन रिसोर्स और स्टाफिंग फर्मों का मानना है कि इस दिवाली इन दोनों सेक्टर के कर्मचारियों को उनकी मंथली सैलरी का करीब 20 प्रतिशत तक बोनस मिल सकता है। स्टाफिंग फर्म CIEL HR ने मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट की करीब 160 कंपनियों के बीच एक सर्वे कराया है। सर्वे में 58 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वे इस साल दीवाली में कर्मचारियों को बोनस देने की तैयारी में हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बोनस की अधिकतम राशि 10,000 रुपये तक सीमित रह सकती है।
CIEL HR के डायरेक्टर संतोष नायर ने कहा, “मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में दीवाली बोनस दिया जाना एक आम बात है। बोनस की औसतन राशि 7,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच होती है।” कर्मचारियों को उनकी कड़ी मेहनत के बदले ईनाम के तौर दी जाने वाली अतिरिक्त राशि बोनस होती है।
नियमों के मुताबिक हर कर्मचारी को दिवाली बोनस देना अनिवार्य नहीं है। सभी कंपनियां अपने कुछ मानदंड बनाए होती हैं, जिसके आधार पर कोई कर्मचारी बोनस पाने के लिए योग्य होता है। मानदंड तय करने का अधिकार कंपनी के विवेक पर छोड़ दिया गया है।
रैंडस्टैड इंडिया के चीफ कमर्शियल ऑफिसर (स्टाफिंग और RT) यशब गिरी ने कहा, "इकोनॉमी में रिकवरी के साथ कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में कंपनियां पिछले कुछ त्योहारी सीजन के मुकाबले इस साल अधिक बोनस की पेशकश कर सकती हैं।" रैंडस्टैड इंडिया का अनुमान है कि FMCG/रिटेल और ई-कॉमर्स सेक्टर्स में इस साल औसत बोनस, कर्मचारियों की मंथली सैलरी का 12 से 20 प्रतिशत होगा।
जीनियस कंसल्टेंट्स ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर ने भी इस साल अच्छा प्रदर्शन किया है और इस दिवाली पर कर्मचारियों की मंथली सैलरी का करीब 12 प्रतिशत औसत बोनस देने की उम्मीद की जा सकती है।
हालांकि ग्लोबल स्तर पर मौजूद अनिश्चितताओं को देखते हुए, भारत की आईटी कंपनियां अपनी पारंपरिक बोनस स्ट्रक्चर को कम कर रही हैं। जीनियस कंसल्टेंट्स के सीएमडी आरपी यादव ने कहा, "ज्यादातर कंपनियां जिनकी ग्रोथ नेगेटिव में रही है, वे इस साल बोनस नहीं देने का विकल्प चुन सकती हैं।"