प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार 5 अगस्त को क्रिप्टोकरेंसी-एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) के डायरेक्टर से जुड़े परिसर पर छापा मारा और करीब 64.67 करोड़ रुपये की बैंक प्रॉपर्टी जब्त की। ED ने यह कार्रवाई वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी और ट्रांसफर के जरिए धोखाधड़ी के पैसों की घालमेल या लॉन्ड्रिंग करने में आरोपी इंस्टैंट लोन ऐप कंपनियों की मदद करने के आरोप में की।
इससे पहले वित्त मंत्रालय ने 2 अगस्त को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि फॉरेन एक्सचेंज मैनजमेंट एक्ट (FEMA) 1999 के प्रावधानों के तहत ED, जनामी लैब्स (Zanmai Labs) के खिलाफ दो मामलों की जांच कर रहा है। बता दें कि जनामी लैब्स कंपनी ही लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी-एक्सचेंज 'WazirX' को चलाती है। मंत्रालय ने बताया कि जनामी लैब्स, बाइनेंस (Binance) के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती थी। बता दें कि बाइनेंस दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक है। इसने साल 2019 में वजीरएक्स का अधिग्रहण कर लिया था।
वित्त मंत्रालय ने आगे कहा, "यह पाया गया है कि इन 2 एक्सचेंजों के बीच हुए सभी क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और इस तरह एक राज छुपाने की कोशिश हुई है। इसके बाद FEMA के प्रावधानों के तहत WazirX को अज्ञात वॉलेट में 2,790 करोड़ रुपये के क्रिप्टो एसेट्स भेजने की मंजूरी देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।"
मंत्रालय ने बताया कि WazirX ने विदेशी यूजर्स के एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरे में बदलने की रिक्वेस्ट को FTX, बाइनेंस, जैसे थर्ड पार्टी एक्सचेंज से ट्रांसफर का इस्तेमाल करके पूरा किया।