कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंडस् (ETFs) में करीब 12,785 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को बेच दिया है। जानकारी को मुताबिक EPFO को इस ट्रांजैक्शन में 5,529 करोड़ रुपये का कैपिटल गेंस हुआ है, जिसका इस्तेमाल वह वित्त वर्ष 2022 के लिए EPF सब्स्क्राइबर्स को ब्याज देने में करेगा।
EPFO ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंडस् (ETFs) में यह निवेश जुलाई-दिसंबर 2017 के दौरान किया था और अब इससे FIFO (फर्स्ट इन एंड फर्स्ट आउट) नाम के एक अकाउंटिंग नियम के तहत बेच दिया है। EPFO ने जुलाई-दिसंबर 2017 के दौरान ETFs में 7,255 करोड़ रुपये निवेश किया था, जिसे अब 12,785 करोड़ रुपये के वैल्यू पर बेचा गया है।
मामले से वाकिफ EPFO बोर्ड के एक सदस्य ने बताया, "इस तरह EPFO को अपना निवेश बेचने से 5,529 करोड़ रुपये का कैपिटल गेन मिला है, जिसे वित्त वर्ष 2021-22 के आय में शामिल किया जाएगा। ETF निवेश को बेचने से हुई यह आय और डेट इनवेस्टमेंट से हुई आय ही आधार होगी, जिसके आधार पर वित्त वर्ष 2022 के ब्याज की राशि को कैलकुलेट किया जाएगा।"
EPFO से जुड़े सभी निर्णय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) द्वारा लिया जाता है। CBT की बैठक 11-12 मार्च को गुवाहाटी में होनी है और इसी दौरान यह ऐलान किया जाएगा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए EPFO अपने सब्सक्राइबर्स को किस इंटरेस्ट रेट पर ब्याज देगा।
EPFO अपने सालाना स्रोतों का 85% डेट सिक्योरिटीज में निवेश करता है, जिसमें सरकारी सिक्योरिटी और बॉन्ड्स शामिल हैं। वहीं 15% राशि को वह ETF के जरिए इक्विटी में निवेश करता है। डेट और इक्विटी दोनों से होने वाली आय का इस्तेमाल ब्याज भुगतान के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है।
EPFO ने पहली बार 2015 में शेयर बाजार में इक्विटी में निवेश किया था। उसके बाद ये चौथी बार है, जब उसने EPF इंटरेस्ट रेट की कैलकुलेशन से पहले अपने ETF निवेश के एक हिस्से को भुनाया है।