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Explained: क्या अमेरिका ने वाकई चीन पर लगाया 245% का टैरिफ? जानिए पूरा मामला

US-China Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक नए डॉक्यूमेंट्स ने चीन पर लगाए गए टैरिफ को लेकर भारी भ्रम पैदा कर दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो दावा किया गया कि अमेरिका ने चाइनीज सामानों पर 245% का नया टैरिफ लगा दिया है। लेकिन ऐसा नहीं है। जब हम गहराई से जांच करते हैं, तो साफ होता है कि अमेरिका ने चीन पर कोई नया या 245% का सिंगल टैरिफ नहीं लगाया है

अपडेटेड Apr 16, 2025 पर 6:24 PM
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US-China Tariffs: अमेरिका ने चाइनीज सामानों पर मुख्य रूप से चार तरह के टैरिफ लगाए हैं

US-China Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक नए डॉक्यूमेंट्स ने चीन पर लगाए गए टैरिफ को लेकर भारी भ्रम पैदा कर दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अमेरिका ने चाइनीज सामानों पर 245% का नया टैरिफ लगा दिया है। लेकिन क्या सच में अमेरिका ने चीन पर एक नया 245 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है? इस सवाल का जवाब है—नहीं। असल में, यह 245 प्रतिशत की दर किसी एक नए टैरिफ का हिस्सा नहीं है, बल्कि मौजूदा कई अलग-अलग टैरिफ दरों का कुल जोड़ है, जो सिरिंज (syringes) जैसे कुछ खास उत्पादों पर ही लागू होता है।

ये भ्रम कैसे फैला?

व्हाइट हाउस ने 15 अप्रैल को एक फैक्ट शीट जारी की। इसमें "अमेरिकी इंडस्ट्री को मजूबत बनाना" नाम के एक सेक्शन में लिखा था, "चीन अब अमेरिका में सामान भेजने पर 245% तक के टैरिफ का सामना कर रहा है, जो उसकी जवाबी नीतियों के चलते है।" इस बयान के बाद 16 अप्रैल को कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने यह रिपोर्ट किया कि अमेरिका ने चीन पर नया और भारी टैरिफ लागू कर दिया है। जबकि हकीकत यह है कि यह दर सिर्फ कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर पहले से लागू अलग-अलग तरह के टैरिफों का कुल प्रभाव है।

किन उत्पादों पर लग रहा है 245% टैरिफ?


यह दर सिर्फ कुछ वस्तुओं जैसे कि सिरिंज (syringes) पर लागू होती है। चाइनीज सिरिंज पर 100% का प्री-2025 टैरिफ, 20% का फेंटानिल से जुड़ा टैरिफ और 125% का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू है। इन सभी को मिलाकर कुल 245% का आयात शुल्क बनता है।

इसी तरह, लिथियम-आयन बैटरियों पर 173%, स्क्विड्स (समुद्री भोजन) पर 170%, ऊन से बने स्वेटर पर 169% और इलेक्ट्रिक कारों पर 148% का टैरिफ लागू है।

चीन पर कितने तरह के टैरिफ लागू है?

अमेरिक के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही चीन पर हमलवार है। उन्होंने अपना कार्यकाल शुरू होने के कुछ ही दिन पर चीन पर 20 फीसदी के टैरिफ का ऐलान किया था। फिर बाद में 125 फीसदी के नए टैरिफ को ऐलान किया था, जिससे कुल टैरिफ 145 फीसदी हो गया।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने चीन से आने वाले सामानों मुख्य रूप से चार तरह के टैरिफ लगाए हैं।

1. बेस टैरिफ – औसतन 3.4%

2. प्री 2025 प्रोटेक्शनिस्ट टैरिफ – 7.5% से लेकर 100% तक

3. सेक्टर-आधारित टैरिफ – जैसे स्टील, एल्युमीनियम, ऑटोमोबाइल पर 25%

4. फेंटानिल और रेसिप्रोकल ड्यूटी – 20% से 145% तक

इनमें से कुछ दरें खासतौर पर उन चीनी वस्तुओं पर लगाई गई हैं जो अमेरिकी बाजार में कम कीमतों पर बेची जाती हैं, जैसे कि सोलर पैनल, EV बैटरियां और सिरिंज।

भ्रम की स्थिति क्यों बनी?

ट्रम्प ने पहले चीन से आने वाले मोबाइल फोन सहति कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों को टैरिफ से छूट देने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर उन्होंने लिखा, “कोई भी छूट नहीं दी जाएगी।” इसके बाद जब व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट में 245% टैरिफ का जिक्र आया, तो कुछ लोगों को लगा कि यह नया टैरिफ पर है, जिसके चलते भ्रम की स्थित पैदा हो गई।

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