Tech Sector Layoffs: टेक सेक्टर में छंटनी की सुनामी, 2025 में अब तक एक लाख लोगों ने गंवाई नौकरी
Tech Sector Layoffs: 2025 में टेक सेक्टर में छंटनियों की सुनामी आ चुकी है। Intel, Amazon, Microsoft और TCS जैसी कंपनियां AI और ऑटोमेशन के दौर में खर्च घटा रही हैं। अब तक 218 कंपनियों में एक लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। जानिए डिटेल।
Tech Sector Layoffs: 2025 में टेक इंडस्ट्री में छंटनियों की लहर और तेज हो गई है। Layoffs.fyi के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 218 कंपनियों में 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। सिलिकॉन वैली से लेकर बेंगलुरु तक, दिग्गज टेक कंपनियां अब बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही हैं।
इसकी वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड सर्विसेज और मुनाफे पर दोबारा फोकस करना है। साथ ही, महामारी के दौरान हुई जरूरत से ज्यादा हायरिंग के बाद अब कंपनियां खर्च घटाने की कोशिश में हैं।
Intel और Amazon में सबसे बड़ी कटौती
Intel ने इस साल की सबसे बड़ी छंटनी की है। कंपनी ने करीब 24,000 कर्मचारियों को निकाल दिया है, जो इसके कुल वर्कफोर्स का करीब 22% है। यह कदम अमेरिका, जर्मनी, कोस्टा रिका और पोलैंड की फैक्ट्रियों को प्रभावित कर रहा है। कंपनी Nvidia और AMD से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने के बाद खुद को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
Amazon ने भी अपने ऑपरेशंस, एचआर और क्लाउड यूनिट्स में करीब 14,000 कॉर्पोरेट नौकरियां खत्म की हैं। सीईओ एंडी जेसी ने कहा कि कंपनी 'दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप' की तरह काम करने की दिशा में बढ़ रही है, ताकि AI निवेश के लिए रिसोर्सेज जुटाए जा सकें।
Microsoft, Google, Meta ने भी चलाई कैंची
Microsoft ने इस साल करीब 9,000 कर्मचारियों की छंटनी की है, ज्यादातर प्रोडक्ट और सॉफ्टवेयर डिवीजनों से। कंपनी अब AI और क्लाउड इनोवेशन पर फोकस बढ़ा रही है।
Google और Meta ने भी अपने एंड्रॉयड, हार्डवेयर और AI टीमों में कटौती की है। दोनों कंपनियां खर्च घटाने और ओवरलैपिंग रोल्स को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही हैं।
Oracle ने भी अमेरिका में सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी खत्म की है और अब AI-बेस्ड क्लाउड प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से शिफ्ट हो रही है।
भारतीय आईटी सेक्टर पर भी असर
भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी TCS ने जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में करीब 20,000 नौकरियां घटाई हैं। यह कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी तिमाही हेडकाउंट गिरावट है। कंपनी ने कहा कि यह कदम 'AI-बेस्ड रीस्ट्रक्चरिंग' और 'स्किल मिसमैच' के कारण उठाया गया है। यह 2022 के बाद पहली बार है जब TCS ने इतनी बड़ी कटौती की है।
अन्य भारतीय आईटी कंपनियां भी अब भर्ती को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि ऑटोमेशन की वजह से मिड-लेवल रोल्स में ह्यूमन रिसोर्सेज की जरूरत तेजी से घट रही है।
टेक से आगे भी छंटनी की लहर
अब यह रुझान टेक सेक्टर से निकलकर अन्य उद्योगों में भी पहुंच गया है। लॉजिस्टिक्स कंपनी UPS अपने इतिहास की सबसे बड़ी वर्कफोर्स कटौती कर रही है। उसका 48,000 नौकरियां खत्म करने का प्लान है। ऑटो दिग्गज Ford ने भी अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट्स को चुस्त करने के लिए 8,000 से 13,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है।
PwC ने टैक्स और ऑडिट प्रोसेस में AI अपनाने की वजह से ग्लोबल लेवल पर 5,600 कर्मचारियों को निकाला है। वहीं, मीडिया कंपनी पैरामाउंट ग्लोबल ने स्ट्रीमिंग लॉस और कमजोर विज्ञापन मांग के चलते 2,000 कर्मचारियों की छंटनी की है।
AI से बदल रहा नौकरियों का भविष्य
2025 की यह छंटनी सिर्फ कंपनियों के खर्च घटाने की कहानी नहीं है, बल्कि काम करने के तरीकों में आ रहे बड़े बदलाव की झलक भी है। दुनियाभर में AI और ऑटोमेशन अब उन कामों को भी संभाल रहे हैं, जिन्हें कभी इंसान की जरूरत मानी जाती थी। जैसे कि डेटा एनालिसिस, कस्टमर सपोर्ट, डिजाइनिंग या कोडिंग तक।
कंपनियां समझ रही हैं कि मशीनें न सिर्फ तेज काम करती हैं, बल्कि गलती की गुंजाइश भी कम होती है। इसलिए वे पुराने वर्कफोर्स को घटाकर टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो रही हैं। इससे 'क्वालिफाइड' नौकरियों की मांग तो बढ़ी है, लेकिन पारंपरिक रोल्स खतरे में हैं।