Go First को अतिरिक्त फंडिंग देने से पहले बैंकों ने अपनाई 'देखो और इंतजार करो' की नीति, मांगी स्पष्टता

संकटों से जूझ रही एयरलाइन पर गो फर्स्ट (Go First) पर विभिन्न बैंकों और संस्थाओं का करीब 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसी स्थिति में एयरलाइन को अतिरिक्त पैसा देने का फैसला लेने से पहले लेंडर्स ने 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना ली है। एक शीर्ष बैंकर ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी

अपडेटेड May 08, 2023 पर 8:26 PM
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Go First इस समय नकदी की भारी संकट का सामना कर रहा है

संकटों से जूझ रही एयरलाइन पर गो फर्स्ट (Go First) पर विभिन्न बैंकों और संस्थाओं का करीब 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसी स्थिति में एयरलाइन को अतिरिक्त पैसा देने का फैसला लेने से पहले लेंडर्स ने 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना ली है। एक शीर्ष बैंकर ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। बैंकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "फिलहाल, यथास्थिति जारी है। एयरलाइन के कारोबार को लेकर अनिश्चितता और दिवालिया कार्यवाही की शुरुआत के चलते मुझे लगता है कि बैंक इस मोड़ पर और फंडिंग मुहैया कराने के पक्ष में नहीं है।"

यह टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि गो फर्स्ट इस समय नकदी की भारी संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते इसे खुद ही दिवालियापन के लिए आवेदन करना पड़ा था।

हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक अंत में एयरलाइन को फंडिंग दे सकते हैं क्योंकि इसके लोन अब भी स्टैंडर्ड एसेट्स हैं और इसे अभी तक बैड लोन के रूप में नहीं वर्गीकृत बन गया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने मनीकंट्रोल को बताया कि एयरलाइन लेंडर्स से अधिक फंड मांग सकती है।


वाडिया ग्रुप के मालिकाना हक वाली गो फर्स्ट एयरलाइन ने दो मई को बताया था अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से सप्लाई किए गए खराब इंजनों के कारण उसके बेड़े में शामिल आधे विमान खड़े हो गए हैं। इसके चलते उसे अपनी उड़ानों को रोकना पड़ा और स्वैच्छिक दिवालिया समाधान कार्यवाही के लिए आवेदन करना पड़ा।

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कहा था कि उसने अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से सप्लाई किए गए खराब इंजनों के कारण अपने बेड़े के आधे हिस्से को बंद करने के बाद उड़ानों को रोक दिया और स्वैच्छिक दिवालिया समाधान कार्यवाही के लिए आवेदन किया।

एक्सपर्ट्स ने कहा कि जिन बैंकों ने पहले ही एरलाइन को लोन दिया हुआ है, वे इसे कुछ और पैसा देने के लिए तैयार हो सकते हैं।

सूत्र ने कहा, "एयरलाइन ने अपने स्वैच्छिक दिवालिया आवेदन में कहा है कि उसने किसी भी पेमेंट्स में अभीतक चूक नहीं की है। केएस लीगल एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर सोनम चंदवानी ने कहा, 'इस देखते हुए लेंडर्स के लिए कोई रिस्क नहीं है और वे ज्यादा फंड देंगे।"

एक अन्य एयरलाइन की कार्यवाही में काम करने वाले एक दिवालिया प्रोफेशनल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गो फर्स्ट ने बैंकों को अंधेरे में रखते हुए अपनी दिवालिया कार्यवाही के साथ आगे बढ़ा था। उन्होंने कहा, "लेकिन अगर वाडिया ग्रुप लेनदारों को समर्थन या वित्तीय गारंटी देता है तो बैंक एयरलाइन को फंडिंग देने पर गौर करेंगे।"

Moneycontrol News

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First Published: May 08, 2023 8:21 PM

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