कई सरकारी एजेंसीज जैसे फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU), इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) और इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के अधिकारियों ने हैक किए गए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) के फाउंडर्स से पिछले कुछ हफ्तों में सवाल-जवाब किए हैं। अधिकारियों ने 18 जुलाई को वजीरएक्स वॉलेट से क्रिप्टो टोकन के अवैध ट्रांसफर को लेकर जानकारी मांगी। यह बात मनीकंट्रोल को इंडस्ट्रीज सोर्स से पता चली है।
कंपनी ने अंदरूनी साजिश की संभावना की भी जांच की है, लेकिन अब तक कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। सोर्स ने कहा कि सरकारी एजेंसीज के 8 से 10 अधिकारियों की एक टीम ने वजीरएक्स के मुंबई ऑफिस में अधिकारियों के साथ बातचीत की ताकि यह पता लगाया जा सके कि 23.5 करोड़ डॉलर के टोकन हैकर्स तक कैसे पहुंचे।
किस एजेंसी के पास क्या जिम्मेदारी
वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली FIU, संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की प्रोसेसिंग और एनालिसिस पर नजर रखती है। गृह मंत्रालय के तहत आने वाली IB को सिक्योरिटी और काउंटरइंटेलीजेंस पहलुओं की समीक्षा करने का काम सौंपा गया है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत आने वाली CERT-In साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने वाली नोडल एजेंसी के रूप में साइबर अपराधों के तकनीकी पक्ष को देखती है।
WazirX ने ये डिटेल की हैं शेयर
कहा जा रहा है कि वजीरएक्स ने सर्वर और लैपटॉप लॉग, ट्रांजेक्शन ट्रेल्स और हैकिंग से जुड़े ब्लॉकचेन एड्रेस के बारे में जानकारी दी है। हालांकि लैपटॉप जैसे फिजिकल एसेट्स की कोई जब्ती नहीं हुई है, लेकिन कई मीटिंग्स हुई हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और एजेंसीज को रेगुलर अपडेट दे रहा है।
FIU जैसी एजेंसीज ने क्रिप्टो इंडस्ट्री के कुछ स्टेकहोल्डर्स से भी संपर्क किया है, खासकर वजीरएक्स हैक के बाद। सरकार वज़ीरएक्स में अवैध ट्रांसफर के आकार को लेकर चिंतित है क्योंकि यह खुदरा निवेशकों को प्रभावित करता है। सोर्सेज का कहना है कि सरकारी एजेंसीज ने स्ट्रक्चर, ट्रांसफर कैसे होता है और लिक्विडिटी आदि को समझने के लिए कुछ डेटा के लिए संपर्क किया है।