Groww Result: रेवेन्यू डबल फिर भी इस कारण घाटे में, Zerodha से इतनी पीछे है ग्रो

Groww Result: एक्टिव इनवेस्टर के हिसाब से देश के सबसे बड़े ब्रोकिंग फर्म ग्रो के लिए वित्त वर्ष 2024 धमाकेदार रही। इसका कंसालिडेटेड रेवेन्यू दोगुने से अधिक बढ़कर 3,145 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में इसे 1435 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। इस दौरान डिस्काउंट ब्रोकर ग्रो का कंसालिडेटेड प्रॉफिट भी 17 फीसदी उछलकर 535 करोड़ रुपये पर पहुंच गया

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 3:37 PM
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पिछले साल के आखिरी महीनों में Zerodha को पछाड़कर Groww सबसे बड़ी ब्रोकिंग कंपनी बन गई थी और इस साल मई में इसके एक्टिव ट्रे़डर्स की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो गई।

Groww Result: एक्टिव इनवेस्टर के हिसाब से देश के सबसे बड़े ब्रोकिंग फर्म ग्रो के लिए वित्त वर्ष 2024 धमाकेदार रही। इसका कंसालिडेटेड रेवेन्यू दोगुने से अधिक बढ़कर 3,145 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में इसे 1435 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। इस दौरान डिस्काउंट ब्रोकर ग्रो का कंसालिडेटेड प्रॉफिट भी 17 फीसदी उछलकर 535 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि 1,340 करोड़ रुपये के वन टाइम डोमेसाइल टैक्स के चलते कंसालिडेटेड लेवल पर इसे 805 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। ग्रोन ने वित्त वर्ष 2024 में अपना रजिस्टर्ड ऑफिस अमेरिका के डेलवेयर से भारत में बंगलुरु में शिफ्ट किया था और इस पर वैल्यूएशन के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ा। ग्रो ने मजबूरी में अमेरिका में रजिस्ट्रेशन कराया था क्योंकि इसके शुरुआती निवेशकों में शुमार Y Combinator ने फंडिंग हासिल करने के लिए इसे अनिवार्य रूप से अमेरिका में रजिस्टर्ड होने को कहा था।

Groww की प्रतिद्वंद्वी Zerodha की क्या है हालत?

पिछले साल के आखिरी महीनों में जीरोधा को पछाड़कर ग्रो सबसे बड़ी ब्रोकिंग कंपनी बन गई थी और इस साल मई में इसके एक्टिव ट्रे़डर्स की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो गई। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक देश में 16 करोड़ से अधिक डीमैट खाते हैं लेकिन एक्टिव इनवेस्टर्स की संख्या करीब 5 करोड़ ही है। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में ग्रो के 1.2 करोड़ से अधिक एक्टिव इनवेस्टर थे। ग्रो का कंसालिडेटेड रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में दोगुने से अधिक बढ़कर 3,145 करोड़ रुपये और कंसालिडेटेड प्रॉफिट भी 17 फीसदी उछलकर 535 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अब नितिन कामत (Nithin Kamath) की ब्रोकरेज फर्म जीरोधा की बात करें तो इसे 8,320 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 4,700 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल हुआ। हालांकि इसमें जीरोधा का 1000 करोड़ रुपये का वह मुनाफा शामिल नहीं है जिसे वित्त वर्ष 2024 में भुनाया नहीं गया।


इन चुनौतियों से जूझ रही हैं ब्रोकिंग कंपनियां

ब्रोकिंग फर्मों को ट्रेडिंग पर अधिक टैक्स, एक्सचेंजों से कम रिबेट और इस वित्त वर्ष में रिटेल F&O पर रोक से जुड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में रेवेन्यू पर 30-50 फीसदी का झटका दिख सकता है। इक्रा का कहना है कि ग्रो की कैपिटल मार्केट पर निर्भरता अधिक है जोकि काफी वोलेटाइल और साइक्लिकल है। इसके अलावा इसके रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा F&O से आता है जोकि इसके नेट ऑपरेटिंग इनकम का करीब 75-80 फीसदी है। इसके कारोबार पर नियामकीय बदलावों का काफी असर दिखता है। इक्रा के मुताबिक ग्रो के मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) बिजनेस में आने के बावजूद इसके फाइनेंशिल लेवरेज आरामदायक जोन में रह सकता है क्योंकि ब्रोकिंग में यह लीडरशिप पोजिशन में है।

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