Goods & Services Tax: देश में जुलाई महीने में ग्रॉस GST कलेक्शन बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया। 1 अगस्त को जारी सरकारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है। ताजा आंकड़ा पिछले साल जुलाई के GST कलेक्शन से 7.5 प्रतिशत ज्यादा है। जुलाई 2024 में कलेक्शन 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा था। GST कलेक्शन लगातार सातवें महीने 1.8 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा। अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कलेक्शन 2.1 लाख करोड़ रुपये रहा।
अप्रैल 2025 में ग्रॉस GST कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर रहा था। लेकिन मई में यह घटकर 2.01 लाख करोड़ रुपये रह गया। वहीं जून महीने में 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा। GST ने देश में इनडायरेक्ट टैक्सेज के मकड़जाल को हटाकर उसकी जगह एक सिंगल इंटीग्रेटेड सिस्टम को स्थापित किया। यह 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था।
जुलाई 2025 में नेट GST रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा। ग्रॉस डोमेस्टिक जीएसटी रेवेन्यू 6.7 प्रतिशत बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से हासिल टैक्स 9.5 प्रतिशत बढ़कर 52,712 करोड़ रुपये रहा। GST रिफंड सालाना आधार पर 66.8 प्रतिशत बढ़कर 27,147 करोड़ रुपये पर पहुंच गए।
FY25 में कितना ग्रॉस GST कलेक्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। यह एक साल पहले के कलेक्शन के मुकाबले 9.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में GST का एवरेज मंथली कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1.68 लाख करोड़ रुपये था।
GST परिषद तय करती है दरें
भारत में GST की दरें GST परिषद तय करती है। इस परिषद में केंद्र और राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। GST में रेट के वर्तमान में 4 स्लैब हैं- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। ये दरें देशभर में ज्यादातर सामान और सेवाओं पर लागू होती हैं। इन स्लैब्स के अलावा 3 विशेष दरें भी हैं-
- सोना, चांदी, हीरे और ज्वैलरी पर 3 प्रतिशत
- कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर 1.5 प्रतिशत
- कच्चे हीरे पर 0.25 प्रतिशत।
तंबाकू प्रोडक्ट्स, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और मोटर व्हीकल जैसे चुनिंदा सामानों पर GST की अलग-अलग दरों के साथ GST कंपंजेशन सेस भी लगाया जाता है। इस सेस का इस्तेमाल राज्यों को GST सिस्टम को अपनाने के चलते रेवेन्यू में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।