हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को दी मंजूरी, खरीददारों के साथ-साथ कंपनियों को भी दी जाएगी ये रियायत

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ED पॉलिसी निश्चित पूंजी निवेश (FCI), शुद्ध SGST (राज्य माल एवं सेवा कर), स्टांप शुल्क, रोजगार सृजन आदि पर सहायता देकर ईवी कंपनियों को विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है

अपडेटेड Jun 28, 2022 पर 11:51 AM
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जो अग्निवीर हरियाणा सरकार की सेवाओं में शामिल होना चाहता है, उसे नौकरी की गारंटी दी जाएगी। कोई बेरोजगार नहीं रहेगा

हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने सोमवार को राज्य इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2022 को मंजूरी दे दी। इसमें ईवी विनिर्माताओं को कई वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय किया गया।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ईवी नीति निश्चित पूंजी निवेश (FCI), शुद्ध SGST (राज्य माल एवं सेवा कर), स्टांप शुल्क, रोजगार सृजन आदि पर सहायता देकर ईवी कंपनियों को विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इसमें 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क में छूट के साथ स्टाम्प शुल्क की 100 प्रतिशत वापसी का प्रस्ताव शामिल है।

SGST वापसी 10 साल की अवधि के लिए लागू शुद्ध राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 50 प्रतिशत होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कलपुर्जो, ईवी बैटरी, चार्जिंग बुनियादी ढांचा आदि बनाने वाली कंपनियों को पूंजी सब्सिडी के जरिए सहायता दी जाएगी।


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नीति में अन्य बातों के अलावा हरियाणा के रहने वाले कामगार को ईवी कंपनियों के साथ नियोजित करने के एवज में 10 वर्षों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपये की रोजगार सृजन सब्सिडी का प्रावधान है।

हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े के 100 प्रतिशत को साल 2030 तक इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सेल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों (Non-fossil-fuel-based technologies) में बदलने का प्रयास किया जाएगा।

EV नीति का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना, हरियाणा को ईवी विनिर्माता का प्रमुख केंद्र बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को बढ़ावा देना, ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करना और ईवी टेक्नोलॉजी में शोध एवं विकास कार्यो को प्रोत्साहित करना है।

सरकारी संगठनों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों को उत्कृष्टता केंद्र (COE) स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे 5 करोड़ रुपये तक की परियोजना लागत के 50 प्रतिशत अनुदान के साथ प्रोत्साहन दिया जाएगा।

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