Hindenburg Impact: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब सिटीग्रुप (Citigroup) की वेल्थ इकाई ने मार्जिन लोन के लिए कोलैटरल (गारंटी) के तौर पर अडानी ग्रुप की कंपनियों की सिक्योरिटीज को लेना बंद कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है और इसके बाद से बैंकों ने अडानी ग्रुप के कंपनियों की जांच बढ़ा दी है।
Adani Group Securities पर Citigroup का फैसला लागू
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सिटीग्रुप ने इंटर्नल मेमो में कहा है कि हाल के दिनों में अडानी के सिक्योरिटीज में तेजी से गिरावट का रुझान दिखा। अडानी ग्रुप की वित्तीय सेहत को लेकर नकारात्मक खबरों से इसके शेयर और बॉन्ड की कीमतें धड़धड़ाते हुए गिर रही हैं। ऐसे में सिटी ग्रुप ने अडानी ग्रुप की सिक्योरिटीज की लेंडिंग वैल्यू तत्काल हटाने का फैसला किया यानी कि इनकी गारंटी पर कर्ज नहीं हासिल किया जा सकता है। सिटीग्रुप (Citigroup) का यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। हालांकि सिटीग्रुप के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
लेंडिंग वैल्यू जीरो करने का क्या है मतलब
जब प्राइवेट सेक्टर का कोई बैंक लेंडिंग वैल्यू जीरो करता है तो क्लाइंट्स को आमतौर पर नगदी या किसी अन्य प्रकार की गारंटी से टॉप अप करना होता है। अगर ऐसा करने में क्लाइंट फेल होते हैं तो उनकी सिक्योरिटीज को लिक्विडेट किया जा सकता है। सिटीग्रुप के अलावा स्विटजरलैंड के क्रेडिट स्वीस (Credit Suisse) की प्राइवेट बैंकिंग इकाई ने भी अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के नोट्स की लेंडिंग वैल्यू जीरो कर दी है।