वेदांता ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) ने अपनी प्रोडक्शन कैपिसिटी को 50 फीसदी बढ़ाकर 15 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने कहा कि उसका इरादा मौजूदा वित्त वर्ष में अपनी जिंक प्रोडक्शन कैपिसिटी को 10 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 15 लाख टन प्रति वर्ष करने का है। हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कंपनी की 57वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में यह जानकारी दी।
प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने आगे कहा, "भारत के विकास में जिंक अहम भूमिका निभाएगा। हम इस सेक्टर में कम से कम 3-4 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। हम अपना प्रोडक्शन 10 लाख टन से बढ़ाकर 15 लाख टन प्रति वर्ष करने की योजना बना रहे हैं।" वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान कंपनी ने 10 लाख टन से अधिक रिफाइंड मेटल का प्रोडक्शन किया है। उन्होंने कहा कि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआती तिमाही में कंपनी ने 257 किलोटन का मेटल प्रोडक्शन दर्ज किया।
अपने एनवायरनमेंटल, सोशल और गवर्नेंस (ESG) ऑब्जेक्टिव के हिस्से के रूप में हिंदुस्तान जिंक अपनी स्थिरता को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ अगले दो सालों में कोयले पर अपनी निर्भरता को 50 फीसदी तक कम करने की योजना बना रहा है।
2025 तक कोयला निर्भरता को 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य
प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, "आज हमारा पंतनगर मेटल प्लांट 100 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी के साथ संचालित है। हमारी सोलर प्रोजेक्ट में 180 मेगावाट और विंड प्रोजेक्ट में 250 मेगावाट की क्षमता है। कंपनी 2025 तक अपनी कोयला निर्भरता को 50 फीसदी तक कम कर देगी।" प्रिया ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक अंडरग्राउंड माइनिंग में बैटरी ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पेश करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। प्रिया ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य 2030 तक अपने ESG लक्ष्यों को हासिल करना है, जो पेरेंट कंपनी वेदांता ग्रुप के 2050 के लक्ष्य से आगे है।