बिना होम मिनिस्ट्री की मंजूरी के IDBI Bank की बोली में हिस्सा नहीं ले सकेंगी कंपनियां, पहली बार सरकार ने बनाया नियम

आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के लिए बोली लगाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी

अपडेटेड Oct 09, 2022 पर 4:45 PM
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आईडीबीआई बैंक की बिडिंग प्रक्रिया के पहले चरण में हिस्सा के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।

आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के लिए बोली लगाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। आईडीबीआई बैंक की बिडिंग प्रक्रिया के पहले चरण में हिस्सा के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।

इस प्रकार से पहले चरण में सिक्योरिटी क्लियरेंस लेने का फैसला सरकार ने पहली बार लिया है। अब तक केंद्रीय नियंत्रण वाले सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) के निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने वाली कंपनियों को दूसरे चरण में सुरक्षा मंजूरी लेनी होती थी।

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ये है बोली लगाने का प्रोसेस

IDBI Bank में सरकार और LIC की 60.72 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (EOI) मंगाए गए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के मुताबिक जिन कंपनियों को आरबीआई फिट और उचित (Fit & Proper) मानेगा और केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस मिलेगा, उन्हें ही क्वालिफाइड इंटेरेस्टेड पार्टीज (QIPs) के रूप में अधिसूचित किया जाएगा यानी कि ये पार्टियां ही बोली लगा सकेंगी। क्यूआपी को ड्यू डिलिजेंस के लिए बैंक डेटा बैंक का एक्सेस मिलेगा और फिर उसके बाद वे बोली लगा सकेंगी।

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16 दिसंबर तक लगेगी बोली

दीपम ने पिछले हफ्ते इसके लिए बिडर्स से ईओआई आमंत्रित किए थे। इच्छुक कंपनियां 16 दिसंबर तक बोली लगा सकती हैं। इसके तहत सरकार और एलआईसी की 60.72 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री होनी है। बोली लगाने की डेडलाइन 16 दिसंबर है।

सभी इंटेरेस्टेड पार्टियों और कंसोर्टियम के सदस्यों को ईओआई दाखिल करते समय अपने खिलाफ चल रहे सभी मामले की जानकारी देनी होगी। उन्हें प्रमाणित करना होगा कि उनके या उनसे जुड़ी किसी भी सहयोगी कंपनियों या किसी निदेशकों, सीईओ या अन्य प्रमुख पदों के लोगों के खिलाफ किसी भी नियामकीय अथॉरिटीज की जांच नहीं चल रही है।

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