India GDP Growth: भारत के लिए गुड न्यूज! IMF ने बढ़ाया ग्रोथ का अनुमान, कहा- बेहतर हुए इकोनॉमिक हालात

India GDP Growth: IMF ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया है। इसकी वजह ग्लोबल इकोनॉमिक कंडीशन का बेहतर होना बताया गया है। हालांकि, IMF ने कुछ जोखिम भी गिनाए हैं। पूरी डिटेल के लिए पढ़ें यह खबर।

अपडेटेड Jul 29, 2025 पर 7:13 PM
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IMF का नया अनुमान RBI के 6.5 प्रतिशत की ग्रोथ फोरकास्ट के करीब है।

India GDP Growth: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 29 जुलाई को जारी अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है। IMF ने ते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहेगी। अप्रैल में IMF ने 6.2 प्रतिशत का अनुमान दिया था। संस्था का कहना है कि वैश्विक माहौल में सुधार और अनुकूल परिस्थितियों के चलते भारत की विकास दर में यह बढ़ोतरी हो सकती है।

FY27 के लिए भी अनुमान बढ़ाया गया

IMF ने वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) के लिए भी भारत की ग्रोथ फोरकास्ट 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया, “भारत में 2025 और 2026 दोनों के लिए 6.4 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान है। यह अप्रैल की तुलना में थोड़ा ज्यादा है क्योंकि इस बार बाहरी माहौल को ज्यादा अनुकूल माना गया है।”


RBI और ADB के अनुमानों के बीच IMF

IMF का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6.5 प्रतिशत की ग्रोथ फोरकास्ट के करीब है। यह अपडेट ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने जुलाई की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाते हुए 6.7 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत कर दिया था।

ADB ने कहा था, “वित्त वर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो अप्रैल 2025 में जारी अनुमान 6.7 प्रतिशत से कम है। फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।”

वैश्विक अर्थव्यवस्था का नया अनुमान

IMF ने वैश्विक ग्रोथ के अनुमान को भी सुधारा है। 2025 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का अनुमान 2.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.0 प्रतिशत कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस बेहतर अनुमान के पीछे कई कारण हैं।

  • टैरिफ बढ़ने से पहले दुनिया भर में व्यापार गतिविधि का तेजी से बढ़ना
  • अमेरिका में औसत प्रभावी टैरिफ दर का अनुमान से कम रहना
  • अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से वित्तीय परिस्थितियों में सुधार
  • कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय खर्च (फिस्कल एक्सपेंशन) बढ़ना

IMF ने कहा, “ये सभी कारक अप्रैल की तुलना में बेहतर परिदृश्य बना रहे हैं, जिससे ग्रोथ आउटलुक में सुधार हुआ है।”

जोखिम अभी भी बरकरार

IMF ने बेशक ग्रोथ अनुमान बढ़ाए हैं, लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में कुछ जोखिम बने हुए हैं। IMF ने चेतावनी दी, “अगर टैरिफ दरें दोबारा बढ़ती हैं तो ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। बढ़ती अनिश्चितता भी आर्थिक गतिविधियों को धीमा कर सकती है, खासकर अगर 1 अगस्त की समयसीमा तक व्यापारिक टैरिफ पर ठोस और स्थायी समझौते नहीं हो पाए।”

अमेरिका इस समय कई देशों के साथ व्यापार समझौते करने की प्रक्रिया में है ताकि 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले समाधान निकल सके।

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