GST कलेक्शन के आंकड़े सोमवार को सामने आए हैं। पिछले साल अगस्त 2024 के GST कलेक्शन 1.75 लाख करोड़ रुपए था लेकिन अगस्त 2025 में यह आंकड़ा 1.86 लाख करोड़ रुपए रहा, जो लगभग 6.5% अधिक है। 1 सितंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में भारत का जीएसटी कलेक्शन 1,86,315 करोड़ रुपये रहा। यह जुलाई की तुलना में करीब 6.5% ज़्यादा है, जो टैक्स कलेक्शन में लगातार सुधार दिखाता है। वहीं जुलाई 2025 में GST कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ था, जो अगस्त से ज्यादा है।
अगस्त 2025 में भारत का नेट जीएसटी रिवेन्यू 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 10.7% ज्यादा है। इस दौरान घरेलू राजस्व 9.6% बढ़कर 1.37 लाख करोड़ हुआ, जबकि आयात कर 1.2% घटकर 49,354 करोड़ रह गया। वहीं, जीएसटी रिफंड 20% घटकर 19,359 करोड़ पर आ गया। यह आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब दो दिन बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है, जिसमें टैक्स रेट को आसान बनाने और स्लैब की संख्या कम करने पर चर्चा होगी।
बता दें कि दो दिन बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है। भारत में GST की दरें GST परिषद तय करती है। इस परिषद में केंद्र और राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। GST में रेट के वर्तमान में 4 स्लैब हैं- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। ये दरें देशभर में ज्यादातर सामान और सेवाओं पर लागू होती हैं। इन स्लैब्स के अलावा 3 विशेष दरें भी हैं-
तंबाकू प्रोडक्ट्स, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और मोटर व्हीकल जैसे चुनिंदा सामानों पर GST की अलग-अलग दरों के साथ GST कंपंजेशन सेस भी लगाया जाता है। इस सेस का इस्तेमाल राज्यों को GST सिस्टम को अपनाने के चलते रेवेन्यू में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।