भारत का व्यापार घाटा (Trade Deficit) अगस्त में दोगुने से अधिक होकर 27.98 अरब डॉलर पर पहुंच गया। कॉमर्स मिनिस्ट्री (Commerce Ministry) ने बुधवार 14 सितंबर को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। इससे पहले अगस्त 2021 में देश का व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक, देश का निर्यात (Export) अगस्त में मामूली रूप से 1.62 फीसदी बढ़कर 33.92 अरब डॉलर रहा। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान देश के निर्यात में 17.68 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह बढ़कर 193.51 अरब डॉलर रहा।
वहीं अगर आयात (Import) की बात करें तो, इस साल अगस्त में देश का आयात 37.28 प्रतिशत बढ़कर 61.9 अरब डॉलर रहा। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान आयात 45.74 प्रतिशत बढ़कर 318 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 53.78 अरब डॉलर था। बता दें कि जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात अधिक करता है तो उसे व्यापार घाटे की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
चालू खाता घाटा भी बढ़ सकता है
इस बीच घरेलू रेटिंग एजेंसी इकरा (ICRA) ने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा (CAD) सितंबर तिमाही में GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) के 5% तक बढ़ जाएगा। एजेंसी ने इसके पीछे मर्चेंडाइज व्यापार घाटे के अधिक रहने को वजह बताई।
इकरा ने एक नोट में कहा, "वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा (CAD) के बढ़कर 41 से 43 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में करीब 30 अरब डॉलर था। दूसरी तिमाही में यह बढ़कर GDP के 5% तक पहुंच सकता है, जो वित्त वर्ष 2012 की तीसरी तिमाही के बाद से इसका उच्चतम स्तर है।"