देश का व्यापार घाटा (Trade Deficit) अप्रैल में कम हुआ है। घरेलू मांग में कमी और वस्तुओं के दाम में कटौती के चलते अप्रैल में देश का इंपोर्ट बिल कम रहा। अप्रैल में देश का व्यापार घाटा 15.24 अरब डॉलर रहा, जबकि इस दौरान भारत ने कुल करीब 49.90 अरब डॉलर के सामान विदेशों से इंपोर्ट या आयात किया। इससे पहले मार्च में व्यापार घाटा 19.73 अरब डॉलर रहा था। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सोमवार 15 मई को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। व्यापार घाटे को आयात और निर्यात के बीच अंतर से मापते हैं। ब्लूमबर्ग की ओर से अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक पोल में देश का व्यापार घाटा 19.04 अरब डॉलर रहने का अनुमान जताया गया था।
अप्रैल महीने में देश का इंपोर्ट सालाना आधार पर 14.1 फीसदी घटकर 49.9 अरब डॉलर रहा। वहीं एक्सपोर्ट या निर्यात 12.7 फीसदी घटकर 34.66 अरब डॉलर रहा।
इस बीच डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड, संतोष सारंगी ने बताया कि ट्रेड आंकड़ों में हालिया सुधार के बाद, भारत का वित्त वर्ष 20223 में कुल एक्सपोर्ट 775.87 अरब डॉलर रहा।
सारंगी ने बताया कि कमोडिटी की कीमतों में कमी और जेम्स एंड ज्वैलरी जैसे विवेकाधीन खर्च माने जाने वाले उत्पादों की मांग में कमी के कारण अप्रैल में देश का व्यापार घाटा कम रहा। जिन कमोडिटी के इंपोर्ट में सबसे अधिक कमी देखी गई, उनमें पेट्रोलियम, क्रूड एंड प्रोडक्ट्स और कोल एंड कोक शामिल है।
कर्ज लागतमें बढ़ोतरी और आर्थिक सुधार की असमान गति घरेलू मांग को प्रभावित कर रही है और आयात को धीमा कर रही है। इसके अलावा विकसित देशों में कमजोर मांग और महंगाई के चलते देश के निर्यात में गिरावट आई है।
हालांकि, सर्विस एक्सपोर्ट में लगातार दूसरे महीने तेजी दर्ज की गई है। इसके पीछे मुख्य वजह इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बिजनेस कंसल्टिंग वर्क में तेज उछाल रही। भारत का सर्विस एक्सपोर्ट्स अप्रैल में बढ़कर 30.36 अरब डॉलर रहा, जो इससे पहले मार्च में 27.75 अरब डॉलर था। यह दिसंबर 2022 में 31.09 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।