Indian Oil June Quarter Results: सरकारी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंसोलिडेटेड बेसिस पर शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 93 प्रतिशत बढ़ गया। यह 6813.71 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले मुनाफा 3528.49 करोड़ रुपये था। ऑपरेशंस से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 221849.02 करोड़ रुपये रहा। यह जून 2024 तिमाही के रेवेन्यू 219864.34 करोड़ रुपये से लगभग 1 प्रतिशत ज्यादा है।
हालांकि नतीजे एनालिस्ट्स की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि जून 2025 तिमाही में उसके खर्च 214830.24 करोड़ रुपये के रहे, जो एक साल पहले 216125.54 करोड़ रुपये के थे। कंपनी में जून 2025 के आखिर तक सरकार के पास 51.50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
घरेलू रिटेल प्राइस में स्थिरता से मार्केटिंग मार्जिन बढ़ा
इंडियन ऑयल का कहना है कि अप्रैल-जून 2025 तिमाही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल के स्टैंडर्ड प्राइस गिरने के बावजूद घरेलू रिटेल प्राइस स्थिर रखने से मार्केटिंग मार्जिन बढ़ा। इसके चलते मुनाफे में बढ़ोतरी हुई। मुनाफा ऐसे वक्त में बढ़ा, जब कंपनी को मौजूदा स्टॉक पर नुकसान, रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट और एलपीजी सब्सिडी की अदायगी न होने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
जून तिमाही में कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 2.15 डॉलर प्रति बैरल रहा, जबकि पिछले साल यह 6.39 डॉलर था। स्टॉक पर हुए नुकसान को एडजस्ट करने के बाद कोर GRM 6.91 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया। जून 2025 तिमाही में कंपनी ने 1.86 करोड़ टन कच्चे तेल की प्रोसेसिंग की और 2.49 करोड़ टन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री की।
Indian Oil शेयर में गिरावट
14 अगस्त को इंडियन ऑयल के शेयरों में गिरावट है। BSE पर दिन में कीमत 1.7 प्रतिशत तक टूटकर 140 रुपये के लो तक गई। कंपनी का मार्केट कैप 1.98 लाख करोड़ रुपये है। कारोबार बंद होने पर शेयर 140.15 रुपये पर बंद हुआ। शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है। कीमत 6 महीनों में 19 प्रतिशत चढ़ी है। शेयर का BSE पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर 183.90 रुपये है, जो 5 सितंबर 2024 को देखा गया। शेयर ने 52 सप्ताह का निचला स्तर 110.75 रुपये 3 मार्च 2025 को छुआ।