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Indigo कैसे कोरोना के बीच प्रॉफिट कमाने वाली एयरलाइंस बन गई?

सरकार ने कैपेसिटी यूटिलाइजेशन पर प्रतिबंध को वापस लेने का फैसला बीते अक्टूबर में किया था। इससे एयरलाइंस कंपनी को डिमांड के मुताबिक फ्लाइट्स बढ़ाने का मौका मिला। इसके चलते कुछ एयरपोर्ट्स पर कोरोना से पहले के मुकाबले ज्यादा ट्रैफिक देखने को मिला

अपडेटेड Feb 07, 2022 पर 12:39 PM
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सरकार ने एयरलाइंस इंडस्ट्री के लिए अपनी पॉलिसी बदली है। इससे एयरलाइंस कंपनी विमान सेवाओं की बढ़ती डिमांड का फायदा उठाने में कामयाब हुई है। देश में पर्यटन भी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। लोग त्योहार और हॉलीडेज के लिए ट्रैवल कर रहे हैं।

इंडिगो (Indigo) कोरोना की महामारी के बीच प्रॉफिट कमाने वाली देश की पहली एयरलाइंस कंपनी बन गई है। इंडिगो ब्रांड नाम से सस्ती हवाई सेवाएं देने वाली इंटरग्लोब एविएशन (Interglobe Aviation) ने दिसंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान पिछले हफ्ते किया। कंपनी ने इस दौरान 129 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इससे वह कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद मुनाफा कमाने वाली दुनिया की चुनिंदा एयरलाइंस कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है। इंडिगो बाजार हिस्सेदारी और विमानों की संख्या के लिहाज से इंडिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी है।

सात महीने बाद प्रॉफिट में आई कंपनी

लगातार 7 तिमाही लॉस उठाने के बाद कंपनी मुनाफे में आई है। दिसंबर तिमाही में इंडिगो ने 129.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। साल 2020 की दिसंबर तिमाही में इंडिगो को 621.80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। दिसंबर, 2021 में खत्म तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 89 फीसदी बढ़कर 9294.77 करोड़ रुपये पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 4,909.98 करोड़ रुपये था। मनीकंट्रोल के पोल में इंडिगा को 327 करोड़ रुपये के लॉस का अनुमान जताया गया था। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 8503 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी।


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एयरलाइंस इंडस्ट्री में लौट रही रौनक

इंडिगो का प्रॉफिट में आना पूरी एयरलाइंस इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। इंडिगो ने अपने को-प्रमोटर राहुल भाटिया को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर पर भी नियुक्त कर दिया है। अभी यह पद खाली था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिगो के बेहतर प्रदर्शन की कई वजहें रही हैं। सरकार ने एयरलाइंस इंडस्ट्री के लिए अपनी पॉलिसी बदली है। इससे एयरलाइंस कंपनी विमान सेवाओं की बढ़ती डिमांड का फायदा उठाने में कामयाब हुई है। देश में पर्यटन भी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। लोग त्योहार और हॉलीडेज के लिए ट्रैवल कर रहे हैं।

सरकार की पॉलिसी में बदलाव का फायदा

सरकार ने कैपेसिटी यूटिलाइजेशन पर प्रतिबंध को वापस लेने का फैसला बीते अक्टूबर में किया था। इससे एयरलाइंस कंपनी को डिमांड के मुताबिक फ्लाइट्स बढ़ाने का मौका मिला। इसके चलते कुछ एयरपोर्ट्स पर तो कोरोना से पहले के मुकाबले ज्यादा ट्रैफिक देखने को मिला। उधर, वैक्सीनेशन रफ्तार पकड़ने से कई राज्यों ने पाबंदियों में ढील दी। दोनों टीके लगवा चुके लोगों को अब अपने डेस्टिनेशन पर निगेटिव टेस्ट रिजल्ट देने की जरूरत नहीं रह गई है। इससे ट्रैवल कॉस्ट में कमी आई है।

सरकार ने किराया-वृद्धि पर लिमिट भी बढ़ा दी है। इसे घटाकर रोलिंग बेसिस पर 15 दिन कर दिया गया है। इससे कंपनियों को 16वें दिन से किराया में बदलाव करने की सुविधा मिल गई है। बीते साल नवंबर और दिसंबर में हवाई सेवाओं की मांग भी बहुत अच्छी रही। इंडिगो ने इसका पूरा फायदा उठाया। इंडिगो ने दिसंबर तिमाही में 45.2 फीसदी एडिशनल कैपिसिटी का इस्तेमाल किया। इससे इसे अपनी फिक्स्ड कॉस्ट घटाने में मदद मिली। कंपनी ने एयर बबल के तहत यूएई, कतर, सऊदी अरब और कुवैत के लिए सेवाएं शुरू कर दी है। कंपनी के शेयर में सोवार को जबर्दस्त तेजी आई। दोपहर में शेयर का भाव 9.8 फीसदी चढ़कर 2170 रुपये पर था।

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