विमानों की संख्या और मार्केट शेयर के हिसाब से देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो (Indigo) की निगाहें अब अमेरिकी मार्केट पर हैं। तुर्किश एयरलाइंस के साथ एलायंस में इंडिगो ने अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के पास आवेदन किया है जो उड़ानों की मंजूरी के लिए नोडल एजेंसी है। दोनों विमान कंपनियों ने जल्द से जल्द एप्लीकेशन पर फैसला लेने का अनुरोध भी किया है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो इंडिगो की फ्लाइट्स अटलांटा, बोस्टन, शिकागो, डलास-फोर्ट वर्थ, हटसन,लॉस एंजेलेस, मियामी, न्यूयॉर्क, नेवार्क, सैन फ्रांसिस्को,सिएटल और वाशिंगटन डीसी तक उड़ानें भर सकेंगी। इंडिगो की प्रतिद्वंद्वी एयर इंडिया (Air India) की न्यूयॉर्क, नेवार्क, सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी तक फ्लाइट्स हैं।
महामारी के बाद इंडिगो लगातार मजबूत होती गई। इन दोनों ने साथ मिलकर 20 स्थानों की उड़ानें शुरू की थी और अब यूरोप में तेजी से विस्तार कर रही है। इंडिगो ने दिल्ली से इस्तांबुल के बीच 1 फरवरी से तुर्किश डैंप-लीज्ड B777 की उड़ान शुरू की है। इन फ्लाइट्स के बिजनेस क्लास के टिकट्स की बिक्री तुर्किश एयरलाइंस करती है और इकॉनमी क्लास की दोनों विमान कंपनियां मिलकर। अब अमेरिका में उड़ानों की मंजूरी मिलने के बाद तुर्किश एयरलाइंस की फ्लाइट्स 12 जगहों के लिए होंगी और इन पर 6E कोड होगा। यह पहली बार होगा जब इंडिगो के फ्लाइट नंबर्स अमेरिकी एयरपोर्ट पर लिस्ट होंगे।
क्या है CodeShare Agreement
इंडिगो और तुर्किश एयरलाइंस के बीच एक कोडशेयर एग्रीमेंट है और इस के तहत दोनों ने मिलकर अमेरिकी नियामक के पास एप्लीकेशन दाखिल किया है। इस एग्रीमेंट के तहत दोनों ही विमानन कंपनियों के यात्रियों बिना फ्लाइट नंबर बदले एक-दूसरे की कंपनियों में आसानी से ट्रांसफर हो जाते हैं। तुर्किश एयरलाइंस के साथ इंडिगो ने वर्ष 2019 में एक कोडशेयर शुरू किया था।