अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के चलते झटकों से जूझ रहे अदाणी ग्रुप (Adani Group) को अमेरिकी निवेशक से बड़ा सहारा मिला है। अमेरिकी इनवेस्टमेंट कंपनी GQG Partners ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में 187 करोड़ डॉलर (15446 करोड़ रुपये) का भारी निवेश किया है। ग्रुप ने शेयर बाजारों को गुरुवार को इसकी सूचना भेजी थी। ब्लॉक डील के जरिए ये निवेश अदाणी ग्रुप की तीन कंपनियों-अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अदाणी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) और अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में हुए हैं।
ग्रुप के सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने इस निवेश को लेकर कहा कि यह अदाणी की कंपनियों की ग्रोथ, मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज और गवर्नेंस में वैश्विक निवेशकों के भरोसे के जारी रहने का संकेत हैं। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है। अब सवाल ये उठता है कि जब अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर बिकवाली को थामने का दबाव है तो ऐसे में जिस अमेरिकी इनवेस्टमेंट फर्म ने इसमें निवेश का फैसला किया, वह कौन है और इसकी स्ट्रैटजी क्या है।
ऑस्ट्रेलिया में लिस्टेड है GQG Partners
GQG दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में शुमार है और 31 जनवरी 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह क्लाइंट्स के 9200 करोड़ डॉलर (7.58 लाख करोड़ रुपये) मैनेज करती है। इस एसेट मैनेजर का मुख्यालय फ्लोरिडा में है और इसके ऑफिसेज न्यूयॉर्क, लंदन, सिएटल और सिडनी में हैं। यह ऑस्ट्रेलिया के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड भी है और अधिकतर शेयर इसके एंप्लॉयी के पास है।
2021 में जब इसका आईपीओ आया था तो ऑस्ट्रेलियाई एक्सचेंज पर सबसे बड़ा इश्यू था। इसका आईपीओ 118.7 करोड़ डॉलर (9774.41 करोड़ रुपये) का था और यह 591 करोड़ डॉलर (48666.19 करोड़ रुपये) के मार्केट कैप के साथ लिस्ट हुई थी। इसकी शुरुआत जून 2016 में राजीव जैन ने की थी जो इसके चेयरमैन और मुख्य सूचना अधिकारी हैं। इसके को-फाउंडर टिम कर्वर भी हैं जो इसके सीईओ हैं।
Adani Group की कंपनियों में निवेश सरप्राइज नहीं
अदाणी ग्रुप में जीक्यूजी पार्टनर्स ने 15446 करोड़ रुपये का निवेश किया है जिसमें से 5460 करोड़ रुपये अदाणी एंटरप्राइजेज में, 5282 करोड़ रुपये अदाणी पोर्ट्स में, 1898 करोड़ रुपये अदाणी ट्रांसमिशन में और 2806 करोड़ रुपये अदाणी ग्रीन एनर्जी में निवेश किया है। हालांकि GQG Partners के इस निवेश को चौंकाने वाले फैसले के तौर पर नहीं देखा जा सकती है। इसकी वजह ये है कि पिछले महीने फरवरी 2023 में ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए इंटरव्यू में जैन ने कहा था कि अदाणी ग्रुप की कंपनियां एनरॉन या सत्यम नहीं है और वह इस पर दांव लगाना चाहेंगे। इसके एक हफ्ते बाद ही GQG Partners ने ग्रुप की कंपनियों में भारी निवेश कर दिया।
टेक का गया जमाना, अब एनर्जी का दौर
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद वीडियो में राजीव जैन का कहना है कि क्लाइंट्स के पैसे को बढ़ाने के लिए ग्रोथ और वैल्यू के पारंपरिक तरीके की बजाय अगले पांच साल या इसके बाद सफल होने वाली कंपनियों में निवेश करने की उनकी स्ट्रैटजी है। इसका मतलब हुआ कि GQG Partners की निवेश स्ट्रैटजी फॉरवर्ड लुकिंग क्वालिटी पर आधारित है। फरवरी 2022 में फाइनेंयल रिव्यू को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अब टेक सेक्टर का जमाना गया और आने वाला दौर एनर्जी सेक्टर का है।