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Intel News: धीमी ग्रोथ पर बोर्ड नाराज, इंटेल के सीईओ से जबरन ले लिया इस्तीफा

Intel News: इंटेल पिछले 30 वर्षों में अधिकतर समय नकदी से भरी हुई रही थी और नई तकनीक-प्रोडक्ट्स पर अधिक खर्च करने में सक्षम थी। हालांकि अब कंपनी पर $5000 करोड़ से अधिक का कर्ज है। स्थिति इतनी खराब हो गई कि कंपनी के सीईओ गेलसिंजर (Pat Gelsinger) को जबरन इस्तीफा देना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी की ग्रोथ को लेकर उनकी योजनाओं पर बोर्ड का भरोसा खत्म हो गया। जानिए पूरा मामला

अपडेटेड Dec 03, 2024 पर 1:24 PM
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Intel News: दिग्गज चिप कंपनी इंटेल के सीईओ गेलसिंजर (Pat Gelsinger) को जबरन इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि कंपनी की ग्रोथ को लेकर उनकी योजनाओं पर बोर्ड का भरोसा खत्म हो गया।

Intel News: दिग्गज चिप कंपनी इंटेल के सीईओ गेलसिंजर (Pat Gelsinger) को जबरन इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि कंपनी की ग्रोथ को लेकर उनकी योजनाओं पर बोर्ड का भरोसा खत्म हो गया। बोर्ड के साथ उनका टकराव तब चरम पर पहुंच गया, जब पिछले हफ्ते उन्होंने बोर्ड से मुलाकात की। इसमें कंपनी की मार्केट में दबदबे को फिर से हासिल करने और एनविडिया कॉर्प के साथ कारोबारी गैप को कम करने को लेकर कितना काम हुआ, इस पर चर्चा हुई। इस बैठक में सबसे बड़ा कांटा ये रहा कि मार्केट पर कब्जा हासिल करने के लिए कोई प्रोडक्ट ही नहीं है जिसे बोर्ड का मानना है कि मेड-टू-ऑर्डर मैनुफैक्चरर बनाने की दिशा में बढ़ते हुए नजरअंदाज कर दिया गया। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें रिटायरमेंट या हटाए जाने, दोनों में से एक विकल्प चुनने को कहा गया था।

अब इन्हें मिली Intel की कमान

पैट गेलसिंजर के इस्तीफे के बाद अब इंटेल की कमान अंतरिम तौर पर इंटेल के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) डेविड जिन्सनर और एग्जेक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट मिशेल जॉनस्टन होल्थॉस इंटेल को गई गई है। वहीं कंपनी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक बोर्ड में गेलसिंजर की जगह किसे मिलेगी, इस पर अभी तलाश जारी है। इंटेल के बोर्ड के इंडेपेंडेंट चेयर फ्रैंक यारी अंतिरम एग्जेक्यूटिव चेयर के तौर पर काम करेंगे।


कभी फूंकी थी Intel में जान, अब कंपनी को भरोसा ही नहीं

63 वर्षीय गेलसिंजर ने कभी इंटेल को उबारकर ऊंचाईयों तक पहुंचाया था लेकिन अब बोर्ड को उनकी योजनाओं पर भरोसा ही खत्म हो गया। उन्होंने युवावस्था में ही इंटेल में काम शुरू किया था लेकिन फिर 2009 में इसे छोड़कर वह VMware के CEO बने। वप्ष 2021 में वे इंटेल में वापस लौटे और उन्होंने इंटेल को चिप मार्केट में लीडर बनाने का वायदा किया जो उस समय ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) जैसे प्रतिद्वंद्वियों से हार गई थी।

गेलसिंजर ने इंटेल को पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर प्रोसेसर से बाहर ले आया और अन्य कंपनियों के लिए चिप्स बनाना शुरू किया। इससे वह TSMC और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रतिद्वंद्वियों से सीधे टक्कर लेने लगी। रिवाइवल स्ट्रैटेजी के तहत उन्होंने इंटेल की फैक्ट्री नेटवर्क का विस्तार करने की एक महंगी योजना बनाई, जिसके तहत ओहियो में एक बड़ा कैंपस बनाना भी शामिल था। इसके लिए कंपनी को चिप्स एंड साइंस एक्ट से सरकार की मदद भी मिली। हालांकि अब बोर्ड को उनकी योजनाओं पर भरोसा नहीं रहा। उनके जाने के बाद अब नए सीईओ के सामने भी ये चुनौतियां रहेंगी।

इंटेल के सामने क्या हैं चुनौतियां?

इंटेल के लिए सबसे बड़ी चुनौती एआई कंप्यूटिंग के उभार ने की है। एनवीडिया का ग्राफिक चिप डेटा सेंटर्स के लिए काफी अहम प्रोडक्ट हो गया है तो इस सेगमेंट में यह सिरमौर बन गई है। कभी यह इंटेल के सामने टिके रहने के लिए जूझ रही थी लेकिन अब यह दुनिया की सबसे वैल्यूएबल लिस्टेड कंपनी कंपनी बन गई है। इंटेल को अभी भी इस सेगमेंट में सफलता नहीं मिल पाई है। इंटेल पिछले 30 वर्षों में अधिकतर समय नकदी से भरी हुई रही थी और नई तकनीक-प्रोडक्ट्स पर अधिक खर्च करने में सक्षम थी। हालांकि अब कंपनी पर $5000 करोड़ से अधिक का कर्ज है और ऐसे में अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए इसे बाहरी निवेश की आवश्यकता है।

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First Published: Dec 03, 2024 1:24 PM

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