Jio Financial Services Q3 Results : रिलायंस इंडस्ट्रीज की नई लिस्टेड सब्सिडियरी कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने आज 15 जनवरी को FY24 की तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 293 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जो कि पिछली तिमाही के 668 करोड़ रुपये से कम है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए हैं। आज कंपनी के शेयरों में 4.82 फीसदी की दमदार रैली देखी गई और यह 267.35 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
नेट इंटरेस्ट इनकम 269 करोड़ रुपये पर
दिसंबर तिमाही में कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 269 करोड़ रुपये रही। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग अगस्त 2023 में हुई थी, जिसके बाद इसने दूसरी बार तिमाही नतीजों की घोषणा की है। कंपनी ने बताया कि दिसंबर तिमाही में इसकी टोटल इंटरेस्ट इनकम 414 करोड़ रुपये रही और कुल रेवेन्यू 413 करोड़ रुपये हो गया है।
कंपनी ने की दो नई नियुक्तियां
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि उसने सीनियर मैनेजमेंट में दो नई नियुक्तियां की हैं। कंपनी ने एक एक्सचेंज नोटिफिकेशन में कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने नॉमिनेशन एंड रिमुनरेशन कमेटी और ऑडिट कमेटी की सिफारिश के आधार पर कंपनी के इंटरनल ऑडिट के ग्रुप हेड के रूप में रूपाली अधिकारी सावंत की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति 15 जनवरी 2024 से प्रभावी हो गई है।
इसके साथ ही, कंप्लायंस फंक्शन और चीफ कंप्लायंस ऑफिसर के रोल पर RBI सर्कुलर के अनुसार सुधीर रेड्डी गोवुला को कंपनी के ग्रुप चीफ कंप्लायंस ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 15 जनवरी 2024 से चार साल की अवधि के लिए है।
ब्लैकरॉक के साथ ज्वाइंट वेंचर का ऐलान
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने पहले ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के साथ एक ज्वाइंट वेंचर का ऐलान भी किया है। अक्टूबर 2023 में दोनों कंपनियों ने भारत में म्यूचुअल फंड बिजनेस शुरू करने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास कागजात दाखिल किए। फिलहाल इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी पर विचार चल रहा है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को पहले रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स के नाम से जाना जाता था। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर 21 अगस्त को एक अलग एंटिटी के रूप में लिस्ट हुई।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)