इस साल 218 कंपनियों में 1 लाख से ज्यादा आईटी और तकनीकी पेशेवरों की नौकरियां समाप्त हो चुकी हैं, जिससे सेक्टर में भारी अनिश्चितता पैदा हो गई है। बढ़ते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के कारण पारंपरिक नौकरियां घट रहीं हैं, जबकि डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे नए क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है।
किन कंपनियों में हुई छंटनी?
कई बड़ी कंपनियों जैसे TCS, Intel, Amazon, Microsoft, और Meta ने साथ मिलाकर लाखों कर्मचारियों की छंटनी की है। खासकर मध्य और वरिष्ठ पदों पर यह छंटनी ज्यादा हुई है, जिससे कई अनुभवी पेशेवरों की नौकरियां छीन गई हैं।
तकनीकी क्षेत्र में AI और ऑटोमेशन के तेजी से अपनाने के कारण कई कंपनियां कम मानव संसाधनों के साथ काम करना चाहती हैं। आमतौर पर रूटीन और दोहराए जाने वाले कार्य ऑटोमैट हो रहे हैं, जिससे पारंपरिक कोडिंग और सपोर्ट जॉब्स पर संकट मंडरा रहा है। वहीं, मशीन लर्निंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे भविष्य के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
भारतीय IT कंपनियों की रणनीतियां
TCS ने इस वर्ष लगभग 20,000 कर्मचारियों की छंटनी की, खासकर मध्य और वरिष्ठ स्तर पर, ताकि कंपनी अपने संचालन में AI और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बेहतर तरीके से शामिल कर सके। Infosys, Wipro और Tech Mahindra ने भी सामूहिक रूप से दस हजार से अधिक पद हटा दिए। वहीं Intel की बात करें तो इस कंपनी ने 24,000 कर्मचारी घटा दिए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि IT और तकनीकी सेक्टर में यह छंटनी एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। युवा पेशेवरों को लगातार नए कौशल सीखने और स्वयं को तैयार रखने की आवश्यकता है। सरकार और कंपनियों को भी इस बदलाव के अनुसार अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम तेज करने होंगे।
2025 में IT और तकनीकी सेक्टर की छंटनी ने पेशेवरों के लिए चुनौतियों का नया दौर शुरू कर दिया है। हालांकि AI और ऑटोमेशन से कुछ नौकरियां खत्म हो रही हैं, लेकिन नई तकनीकों में कुशलता हासिल कर युवा इस बदलाव को अवसर में बदल सकते हैं। कंपनियां भी अपने संगठन को नए डिजिटल युग के अनुकूल बना रही हैं, जिससे आने वाले समय में तकनीकी क्षेत्र का स्वरूप बदलने वाला है।