मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) ने कथित कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मामले में टू-व्हीलर बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। यह मामला फंड डायवर्जन से जुड़ा हुआ है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। 'जनहित' में शुरू किए गए इस इन्वेस्टिगेशन के तहत कुछ लिंक्ड कंपनियों के असली स्वामित्व की जांच की जाएगी। इसके अलावा, MCA साल्ट एक्सपीरियंस एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (SEMPL) के मामलों की भी जांच करेगा। MCA को संदेह है कि यह हीरो मोटोकॉर्प की 'लिंक्ड एंटिटी' है।
शेल कंपनियां चलाने का है आरोप
सूत्र ने बताया कि हीरो मोटोकॉर्प पर कथित तौर पर शेल कंपनियां चलाने के आरोप लगते रहे हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा की गई एक जांच में भी कंपनी और इससे जुड़े एंटिटी के मामलों की गहन जांच की जरूरत पर जोर दिया गया है। यह जांच सरकार ने की थी जिसमें हीरो मोटोकॉर्प और SEMPL के मामलों की जांच का आदेश दिया गया था। इस मामले पर हीरो मोटोकॉर्प ने भेजे गए ईमेल का जवाब अब तक नहीं दिया है। बता दें कि MCA शेल कंपनी पाए जाने पर कंपनी को बंद कर सकती है।
मार्च 2022 हुई थी इनकम टैक्स की रेड
मार्च, 2022 में कथित कर चोरी को लेकर आयकर विभाग ने हीरो मोटोकॉर्प पर छापा मारा था। इस दौरान हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के चेयरमैन, CEO और MD पवन मुंजाल के आवास की भी तलाशी ली गई। CBDT ने बिना कंपनी का नाम लिए एक बयान में कहा था कि उसे 800 करोड़ रुपये से अधिक के कथित अवैध कारोबारी खर्च का पता चला है। इसने यह भी आरोप लगाया था कि दिल्ली में 10 एकड़ खेत कुछ कंपनियों के माध्यम से खरीदे गए थे। बयान में कहा गया था, "इस तरह के लेन-देन में 60 करोड़ रुपये से अधिक का "बेहिसाब" कैश शामिल था।"