माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने हाल ही में करीब 6,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यह संख्या कंपनी की पूरी दुनिया में मौजूद वर्कफोर्स का करीब 3 प्रतिशत है। अब, CEO सत्या नडेला ने इस बारे में खुलासा किया है कि ऐसा कदम क्यों उठाया गया। नडेला के मुताबिक, छंटनी की वजह परफॉरमेंस नहीं बल्कि रीऑर्गेनाइजेशन रही।
कंपनी वाइड टाउन हॉल के दौरान बोलते हुए नडेला ने स्पष्ट किया कि हाल ही में हुई छंटनी इंटर्नल रीस्ट्रक्चरिंग का नतीजा थी। इसका उद्देश्य माइक्रोसॉफ्ट की प्राथमिकताओं को अलाइन करना था, विशेष रूप से आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) पर कंपनी के पुश को देखते हुए। छंटनी की वजह कर्मचारियों की परफॉरमेंस नहीं थी।
AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 80 अरब डॉलर होंगे खर्च
माइक्रोसॉफ्ट ने मौजूदा वित्त वर्ष में AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 80 अरब डॉलर खर्च करने की योजना की घोषणा की है। साथ ही कंपनी विभिन्न कस्टमर सेगमेंट्स में अपने कोपायलट AI असिस्टेंट्स की पेशकश में भी तेजी ला रही है। इस बदलाव में कुछ रोल्स को रीस्ट्रक्चर किया जा रहा है या उन्हें चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जा रहा है, विशेष रूप से प्रोडक्ट डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग में। ऐसा इसलिए ताकि माइक्रोसॉफ्ट के AI विजन के लिए बेहतर और अनुकूल नए रोल्स के लिए रास्ता बनाया जा सके।
‘सॉफ्टवेयर ऑपरेटर बन सकते हैं ट्रेडिशनल कोडर्स’: Microsoft CPO
Microsoft की चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने इस बढ़ती धारणा का जोरदार विरोध किया है कि AI के उदय से कोडिंग स्किल्स अप्रचलित हो रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान कहा, "बहुत से लोग सोचते हैं, 'ओह, कंप्यूटर साइंस की स्टडी करने की जहमत मत उठाओ या कोडिंग खत्म हो गई है।' मैं इससे मौलिक रूप से असहमत हूं।"
हालांकि चेन्नाप्रगदा ने स्वीकार किया कि AI, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के कुछ हिस्सों को ऑटोमेट कर रहा है। Microsoft ने स्वीकार किया है कि AI अब कुछ इंटर्नल प्रोजेक्ट्स में 30 प्रतिशत तक कोड लिखता है, लेकिन चेन्नाप्रगदा इसे टेक्नोलॉजी निर्माण के अगले प्राकृतिक विकास के रूप में देखती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में इंजीनियरों को ट्रेडिशनल कोडर्स के बजाय सॉफ्टवेयर ऑपरेटर के रूप में देखा जा सकता है।