भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) और देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एग्रीमेंट किया है। दोनों के बीच ई-माइग्रेट पोर्टल पर डिजिटल पेमेंट सर्विसेज के लिए समझौता हुआ है। इसके तहत ईमाइग्रेट पोर्टल के यूजर्स को एक अतिरिक्त डिजिटल पेमेंट सर्विस दी जाएगी। समझौते के तहत SBI के पेमेंट गेटवे SBIePay को eMigrate पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस इंटीग्रेशन का मकसद भारतीय प्रवासी श्रमिकों, भर्ती एजेंटों और पोर्टल के अन्य यूजर्स के लिए एक अतिरिक्त डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रदान करना है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह समझौता भारतीय प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित और कानूनी प्रवास के दायरे को और सुविधाजनक बनाएगा। ईमाइग्रेट पोर्टल की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसके जरिए प्रवास प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है। इससे प्रवासी भारतीय बीमा योजना जारी करने वाले फॉरेन एम्प्लॉयर्स, रजिस्टर्ड रिक्रुटिंग एजेंट्स और बीमा कंपनियों को एक साझा मंच मिला है।
विदेश मंत्रालय के बयान में इस बात पर जोर दिया गया है कि पोर्टल ECNR (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) कैटेगरी के पासपोर्ट वाले प्रवासियों के वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन की भी अनुमति देता है, जो विदेश में रोजगार की तलाश कर रहे हैं। इस समझौते पर मंत्रालय की ओर से ज्वाइंट सेक्रेटरी ब्रम्हा कुमार और SBI की ओर से जनरल मैनेजर नीलेश द्विवेदी ने नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में हस्ताक्षर किए।
अधिकारियों ने बताया कि ई-माइग्रेट पोर्टल के साथ SBIePay के सफल इंटीग्रेशन के बाद यह सर्विस चालू हो जाएगी। इस इंप्लीमेंटेशन से सभी भारतीय बैंकों के नेट बैंकिंग के माध्यम से यूपीआई, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और NEFT के माध्यम से किए गए भुगतानों के लिए जीरो ट्रांजेक्शन चार्ज के साथ कई इमिग्रेशन-संबंधी फीस का भुगतान करने की अनुमति मिलेगी